कभी कभी बच्चो की मासूमियत उनसे ऐसा कुछ करवा देती है। जिसका खामियाजा ना सिर्फ उस नन्ही सी जान बल्कि उससे जुड़े अनेकों लोगों जैसे की परिजनों को भुगतना पड़ता है। कुछ ऐसा ही एक 10 वर्षीय बालक के साथ हुआ जो की सिवान बिहार से फरीदाबाद आ पहुंचा और किस्मत इतनी अच्छी की फरीदाबाद चाइल्ड केयर ग्रुप ने बच्चे को उसके परिजनों से मिलवा दिया।
यह वाक्य उस समय का है जब एक 10 वर्षीय बालक लावारिश हालात में ग्रेटर फरीदाबाद में भटकता हुआ दिखाई दिया। जिसके बाद आस पास के लोगो ने चाइल्ड हेल्पलाइन को कॉल कर बच्चे कि सूचना दी। सूचना मिलने पर मिसिंग सेल और हेल्पलाइन टीम ने बच्चे को बाल आश्रम में भेज दिया। रविवार को बच्चे के परिजन बिहार पुलिस के साथ यहां पहुंचे, जहां बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्चा उन्हें सौंप दिया गया।
चाइल्ड हेल्पलाइन टीम के सदस्य रविंद्र ने बताया कि 18 जून को हेल्पलाइन नंबर 1098 पर उन्हें सूचना मिली कि सेक्टर-89 में 10 वर्षीय एक बच्चा लावारिस हालत में घूम रहा है। इस पर चाइल्ड लाइन की टीम, मिसिंग पर्सन सेल के साथ मौके पर पहुंची। टीम ने बच्चे की काउंसलिंग की तो उसने अपना नाम आर्यन और गांव बलिटोला के बारे में बताया।
बच्चा पूरा पता बताने में असमर्थ था। इस पर टीम ने गांव का नाम ऑनलाइन सर्च किया तो पता चला कि गांव बिहार के सिवान जिले में है। चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने सिवान के पुलिस अधीक्षक अभिनव से संपर्क किया और बच्चे के बारे में जानकारी दी। इस पर बिहार पुलिस ने चाइल्ड हेल्पलाइन से संपर्क किया और बताया कि सिवान के हुसैनगंज पुलिस थाने में बच्चे के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज है।
कुछ दिन पहले बच्चा परिवार के साथ कहीं जाने के लिए निकला था, मगर सिवान स्टेशन पर परिवार से बिछड़ गया और गलत ट्रेन में सवार हो गया। दिल्ली पहुंच कर बच्चा भटकता हुआ फरीदाबाद पहुंच गया था। रविवार को बिहार पुलिस के साथ बच्चे के परिजन फरीदाबाद पहुंचे और बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर उसे परिजनों को सौंप दिया गया।