क्या करती हैं CDS विपिन रावत की बेटियां, सफल हैं अपने क्षेत्र में

    0
    740

    CDS जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत की हेलीकाप्टर क्रैश में मृत्यु हो गयी है। उनकी बेटियों कृतिका और तारिणी ने दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर श्मशान घाट से अपने माता-पिता की अस्थियां इकट्ठा कर ली हैं। हेलीकाप्टर क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 11 अन्य सहयोगियों की मौत हो गई। बिपिन रावत और उनकी पत्नी की मौत के बाद पूरा देश उनकी दोनों बेटियां के साथ इस दुख में खड़ा है।

    देश भर के लोग सपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। बेटियों ने नम आंखों से अपने माता-पिता की अस्थियों को नमन किया। जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के निधन के बाद अब उनके परिवार में उनकी दोनों बेटियां हैं। जनरल रावत की बड़ी बेटी का नाम कीर्तिका है। कीर्तिका की शादी हो चुकी है और फिलहाल वह मुंबई में रहती हैं। छोटी बेटी का नाम तारिणी है, जो दिल्ली हाईकोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस कर रही हैं।

    क्या करती हैं CDS विपिन रावत की बेटियां, सफल हैं अपने क्षेत्र में

    देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ गुरुवार को परमात्मा में लीन हो गए हैं। बिपिन रावत की बेटियों के बारे में बेहद कम जानकारी है। लेकिन अब उनकी कुछ तस्वीरें जरूर सामने आई हैं। जनरल बिपिन रावत के दिल में पैतृक प्रदेश उत्तराखंड के लिए विशेष प्रेम था। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद दिल्ली में रहने के बजाय देहरादून में बसने की तैयारी कर रखी थी, जहां उनका पूरा बचपन बीता था।

    क्या करती हैं CDS विपिन रावत की बेटियां, सफल हैं अपने क्षेत्र में

    बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया था। बिपिन रावत ने देहरादून में बसने के लिए हाल ही में एक महीने पहले ही देहरादून में प्रेमनगर के पास जंगलों के बीच खूबसूरत वादियों में अपना आशियाना बनवाना भी शुरू किया था।रावत के पिता लक्ष्मण सिंह लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए। वहीं उनकी मां प्रदेश के उत्तरकाशी की रहने वाली थीं।

    क्या करती हैं CDS विपिन रावत की बेटियां, सफल हैं अपने क्षेत्र में

    हेलिकॉप्टर में बिपिन रावत के साथ पत्नी मधुलिका के अलावा सेना के 13 जवान और अधिकारी सवार थे। हादसे में शहीद होने वालों में ब्रिगेडियर एलएस लिड्‌डर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी. साई तेजा, जूनियर वारंट ऑफिसर दास, जूनियर वारंट ऑफिसर ए प्रदीप और हवलदार सतपाल सवार थे।