देशसेवा का भाव अंदर से आता है इसे जगाना नहीं होता है। देशसेवा करना हर किसी को नसीब नहीं होता है। हमारे देश में एक ऐसा गांव भी है जहाँ के हर से एक फौजी निकला है। गांव के हर घर में देशभक्ति का जज्बा और हर युवा के दिल में सैनिक बन कर देश सेवा की हसरत है। शायद यही वजह है कि इस गांव को फौजियों का गांव कहते हैं।
यहां के युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक में देश की सेवा का भाव है। यह भाव काफी पुराना भी है। यह जगह है गाजीपुर का गहमर गांव। जहां कई पीढ़ियों से देश सेवा के लिए फौजी बनना एक परम्परा बन चुकी है।
इस गांव ने अब तक हजारों – लाखों फौजी देश को दिए हैं जो देश की रक्षा कर रहे हैं। गांव का हर युवा आज भी फौजियों के गांव की इस परम्परा की विरासत को पूरे जिम्मेदारी से संभाले हुये हैं। गाजीपुर में फौजियों का ये गांव जहां एशिया में सबसे बड़ा गांव है, वहीं औसतन हर घर में एक सैनिक इस गांव की शान बढ़ा रहा है।
सुबह के समय गांव की सड़कों पर युवा दिखाई देते हैं को फौज की तैयारियों के लिए दौड़ लगाते हैं। यहां के लोग हर करम अपना करेंगें ऐ वतन तेरे लिए. दिल दिया है जान भी देंगें ऐ वतन तेरे लिए। लोगों में फिजाओं में शायद यही लफ्ज हर पल गूंजते हैं। यहां की मिट्टी, हवा और पानी भी देशभक्ति और देश सेवा के जज्बे को पूरी तरह अपने में समेटे हुये है।
भारत माता की देशसेवा करना हर कोई चाहता है। भारत माता के लिए कई लोग अपनी जान दे सकते हैं। गांव के हर शख्स के लिए फौजी बनकर देश सेवा पहला लक्ष्य होता है।