1 साल में बढ़ी बेरोजगारी की दर, हरियाणा का बेरोजगारी के मामले में बिहार से भी बुरा हाल

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दिन प्रतिदिन जहां एक तरफ शिक्षित युवाओं की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं बेरोजगारी भी चरम सीमा पहुंच पहुंचने को है दिन प्रतिदिन की 1 साल का रिकार्ड दर्ज हुआ तो मालूम हुआ कि देश में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष नवंबर महीने में बेरोजगारी की दर कई राज्य में बड़े पैमाने पर पहुंच चुकी है।

वही एकत्रित किए रिकॉर्ड के मुताबिक आंकड़ों की बात करें तो 10 राज्यों में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है। इतना ही नहीं पिछले साल यानी 2020 के नवंबर में बेरोजगारी दर जहां 6.5 फीसदी थी, वहीं इस साल नवंबर में यह बढ़कर 7 फीसदी हो गई है। इनमें से 8 राज्यों में यह दोहरे अंकों में यानी 10 फीसदी से ज्यादा है। बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी पिछले साल के मुकाबले घटी है।

1 साल में बढ़ी बेरोजगारी की दर, हरियाणा का बेरोजगारी के मामले में बिहार से भी बुरा हाल

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के मुताबिक, देश भर में हरियाणा बेरोजगारी में सबसे ऊपर है। वहीं जानकारी के मुताबिक यहां पर इसकी दर 29 फीसदी है। वहीं जम्मू-कश्मीर और राजस्थान में बेरोजगारी दर 20 फीसदी के ऊपर है। साथ ही बिहार, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, गोवा और झारखंड में यह 10 से 15 फीसदी के बीच है।

नवंबर महीने में दिल्ली और केरल में भी बेरोजगारी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। इनमें से गोवा को छोड़कर सभी राज्यों में बेरोजगारी पिछले साल नवंबर से बढ़ी ही है।

1 साल में बढ़ी बेरोजगारी की दर, हरियाणा का बेरोजगारी के मामले में बिहार से भी बुरा हाल

विशेषज्ञों के मुताबिक नवंबर महीने में क्वालिटी जॉब्स पर भी असर पड़ा है। सीएमआईई के महेश व्यास ने बताया कि नवंबर के रोजगार आंकड़ों के मुताबिक, सैलरी वाली नौकरियों और इंटरप्रेन्योर- दोनों मोर्चों पर गिरावट देखने को मिली है। हालांकि इस दौरान दिहाड़ी और छोटे व्यापार में नौकरियों में बढ़त देखी गई है।