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इस वजह से गेहूं की रोटी खाना छोड़ चुकी है मिस यूनिवर्स, पढ़े वजह शायद खबर हो आपके काम की

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देश की लड़कियां भी भारत को एक नई पहचान दिला रही हैं। मिस यूनिवर्स बनना आसान नहीं होता और ये खिताब जब भारत के नाम हो जाए तो ये इतिहास रच देता है। भारत को ये सम्मान सबसे पहले दिलाने वाली मिस यूनिवर्स 1994 सुष्मिता सेन के नाम है और उनके बाद लारा दत्ता ने साल 2000 में मिस यूनिवर्स का क्राउन पहना था। साल 2000 वही साल है जब भारत में मिस यूनिवर्स 2021 ने जन्म लिया था। हरनाज़ कौर संधू का जन्म साल 2000 का है।

उनकी खूबसूरती ने दुनिया में भारत का नाम रौशन किया है। उनका जन्म पंजाब में हुआ है। उनके परिवार में कोई भी ग्लैमर्स वर्ल्ड से नहीं था लेकिन 17 साल की उम्र से ही हरनाज़ ने प्रोफेशनल मॉडलिंग में अपना करियर बना लिया था।

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मिस यूनिवर्स अंतराष्ट्रीय स्तर का ताज है। यह ताज काफी सालों के बाद भारत के पास आया है। एक मॉडल को अपने पहने ओढ़ने से लेकर खाने पीने तक हर बात का खास ख्याल रखना होता है। मिस यूनिवर्स का खिताब जीतने के बाद जब हरनाज़ ने बताया कि उन्हें याद ही नहीं उन्होंने गेहूं की रोटी कब खायी थी। आप और हम जो गेहूं के आटे से बनीं रोटियां खाते हैं उसे मिस यूनिवर्स बनने के लिए हरनाज़ कौर संधू ने छोड़ दिया था।

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अपनी डाइट का उन्होंने विशेष ध्यान रखा है। अपनी डाइट के लिए उन्होंने काफी कुछ छोड़ा है। एक पंजाबन के लिए खाना पीना कंट्रोल करना कितना मुश्किल होता है ये तो हर पंजाबी आसानी से सोच सकता है। घर में गर्मागर्म मक्खन और घी के परांठे जब परिवार के सब लोगों के लिए बन रहे हों ऐसे में सिर्फ सलाद और फ्रूट्स खाना कभी-कभी सजा से कम नहीं लगता। जब लक्ष्य भारत को मिस यूनिवर्स का टाइटल दिलाने का हो तो फिर कुछ मुश्किल नहीं।

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हरनाज ने अपनी डाइट प्लान को खूब बखूबी से फॉलो किया है। गेहूं की रोटी में कैलोरी व कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत होती है। ऐसे में लोग वेट लॉस डाइट में रोटी खाना बंद कर देते हैं।

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