छत्तीसगढ़ में महामारी के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा और तीसरी लहर के खतरे के बीच शत-प्रतिशत टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग महाअभियान चलाया जा रहा है। हर गांव में कैंप लगाकर वैक्सीनेशन किया जा रहा है, बावजूद अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग टीका लगाने से बच रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जांजगीर-चांपा जिले में सामने आया है। एक व्यक्ति ने वैक्सीनेशन से बचने तमाम जतन किए।
टीका लगाने के लिए उसे घर से गोद में उठाकर कैंप तक लाना पड़ा। वह रास्ते में गाना गाने लगा कि ‘बस आज की रात है जिंदगी, कल हम कहां, तुम कहां…।’
मालखरौदा विकासखंड के ग्राम पंचायत भाठागांव में टीकाकरण कैंप लगाया गया था। टीकाकरण इंचार्ज RHO सुनीता राठौर गांव में बचे हुए लोगों को टीका लगा रही थी। गांव के पंचायत प्रतिनिधि भी टीकाकरण में सहयोग कर रहे थे।
इस दौरान पता चला कि सुखीराम खडिय़ा वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार नहीं है। तब ग्राम पंचायत सचिव रामनाथ यादव उक्त व्यक्ति के घर पहुंचा।
उन्होंने और परिवार के सदस्यों ने सुखीराम को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह बुखार का बहाना करने लगा। इसके बाद दूसरे कमरे में जाकर रजाई ओढ़कर सो गया। परिवार की सहमति के बाद सचिव रामनाथ यादव उसे गोद में उठाकर टीकाकरण कराने लेकर आया।
टीका न लगवाने का फिल्मी ड्रामा
सचिव रामनाथ की गोद में सुखीराम ‘बस आज की रात है जिंदगी, कल हम कहां तुम कहां’ गाने लगा। जैसे-तैसे उसे लेकर कैंप सचिव पहुंचा। इस दौरान वह वहां, हाय रे मेरी किस्मत, मैं देर करता नहीं देर हो जाती है गाना गाने लगा। वहां कुर्सी में बैठाने पर फिर से उठकर भागने लगा।
अंत में उसे 4 लोगों ने पकड़ा और स्टाफ नर्स द्वारा वैक्सीन लगाई गई। वैक्सीन लगने के बाद सुखीराम कुर्सी पर लेटकर बेहोश होने का नाटक करने लगा। टीकाकरण के इस दृश्य को गांव के किसी व्यक्ति रिकॉर्ड कर लिया। अब यह वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।