शादियों में बैंड बजाने वाले अभी तक नहीं लौट पा रहे रोजगार कि तरफ, ये हो गई है स्थिति

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वर्तमान में पूरा भारत देश कोरोना वायरस महामारी के दौर से गुजर रहा है ऐसे में भारत सरकार द्वारा इस महामारी को शुरुआती दौर में ही नियंत्रण में करने के लिए देशव्यापी लॉक डाउन की घोषणा की गई थी। जिसके चलते लगभग सभी चीजों पर पाबंदी लगा दी गई थी ताकि जल्द से जल्द इस महामारी को नियंत्रण में किया जा सके।

लेकिन लॉक डाउन के करीब ढाई महीने के बाद भी जब इस महामारी का प्रभाव कम होता हुआ नजर नहीं आया तो केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों के साथ मिलकर अनलॉक वन के फैसले पर सभी चीजों को वापस से धीरे-धीरे सामान्य करने के प्रयास किया गया।

शादियों में बैंड बजाने वाले अभी तक नहीं लौट पा रहे रोजगार कि तरफ, ये हो गई है स्थिति

लेकिन अभी भी रोजगार के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिन को सामान्य होने में लंबा समय लग सकता है और इन क्षेत्रों में काम करने वाले लोग अभी भी पूरी तरीके से बेरोजगार है। इन्हीं लोगों में शामेल है शादी समारोह में बैंड बाजा बजा कर अपना घर चलाने वाले लोग जो चाहकर  भी अपने रोजगार कि तरफ वापिस नहीं लौट पा रहे है।

बता दे की कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार द्वारा शादी समारोह पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। जिससे शादी समारोह एवं अन्य कार्यक्रमों में बैंड बाजा बजाने वाले लोगों का रोजगार भी पूरी तरीके से ठप हो गया था।

शादियों में बैंड बजाने वाले अभी तक नहीं लौट पा रहे रोजगार कि तरफ, ये हो गई है स्थिति

आज जब हमने फरीदाबाद के सारण चौक स्थित कृष्णा बैंड से बात की तो उन्होंने बताया कि जहां सामान्य दिनों में शादी के सहयोग के दौरान उन्हें रोजाना 5 से 6 बुकिंग मिल जाती थी वहीं अब उनके पास कोई भी नहीं आता है उनके काम का सबसे खास दिन शनिवार और रविवार होता है।

लेकिन इसी दौरान उनकी दुकानें बंद रहती है उनके द्वारा फरीदाबाद जिला उपायुक्त से भी अपील की गई है कि वह शनिवार एवं रविवार को उनकी दुकान खोलने की अनुमति दें। लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं आ पाया है। बैंड में काम करने वाले एनआईटी 5 नंबर जनता बंद के प्रधान मांगे राम जी ने हमें बताया कि उनके इस बैंड में 50 से 60 लोग काम करते थे जो अब पूरी तरीके से बेरोजगार हो चुके हैं।

शादियों में बैंड बजाने वाले अभी तक नहीं लौट पा रहे रोजगार कि तरफ, ये हो गई है स्थिति

एक बारात से उनके बैंड के 50 से 60 लोगों का घर चलता था लेकिन अब उनके लिए रोजमर्रा का खर्चा बचा पाना भी मुश्किल हो रहा है बैंड के अन्य लोगों से बात करने पर पता चला कि उनके बैंड के साथ घोड़ी बग्गी वालों का रोजगार भी पूरी तरीके से ठप हो चुका है ऐसे में उन लोगों के पास अब घोड़ी का पालन पोषण करने के लिए भी खर्चा नहीं बचा है।

बैंड के लोगों द्वारा जिला प्रशासन से अपील की गई कि उनकी समस्या पर भी ध्यान दें और जल्द से जल्द कुछ समाधान निकालें। जहां शादी समारोह में 50 लोगों को आने की अनुमति दी गई है उनमें बैंड के 11 लोगों के जाने की भी अनुमति दी जाए। जिससे उनको कुछ सहारा मिल सके अन्यथा उनका रोजगार पूरी तरीके से ठप हो जाएगा और वे रोड पर आ जाएंगे।

शादियों में बैंड बजाने वाले अभी तक नहीं लौट पा रहे रोजगार कि तरफ, ये हो गई है स्थिति

अपने रोजगार को वापिस से पटरी पर लाने के लिए फरीदाबाद के एनआईटी 5 नंबर के जनता बैंड के प्रधान मांगे राम, सारण चौक के कृष्णा बैंड से उप प्रधान रामधन, मिलन बैंड के मास्टर कलवेली समेत फरीदाबाद के लगभग सभी बैंड द्वारा प्रशासन से अपील की गई और जल्द ही उनके रोजगार को बचाने के लिए गाइडलाइन जारी करने की मांग रखी गई।