हरियाणा: अब युवाओं को नही मिलेगा इन नौकरियों में आरक्षण, अब हाई कोर्ट करेगा सुनवाई

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 हरियाणा: अब युवाओं को नही मिलेगा इन नौकरियों में आरक्षण, अब हाई कोर्ट करेगा सुनवाई

आपको बता दें हरियाणा में प्राइवेट सेक्टर में  75 परसेंट आरक्षण देने के सरकार के फैसले के खिलाफ फरीदाबाद इंडस्ट्रीज ने पंजाब एंड हाई कोर्ट में याचिका जारी की है। जिस पर 15 जनवरी से पहले सुनवाई की मांग भी हुई है। जिसे हाईकोर्ट ने अभी ठुकरा दिया है।

इंडस्ट्रीज का कहना था कि 15 जनवरी से यह एक्ट लागू होना चाहिए लेकिन महामारी के बढ़ते मामलों को देखिए सुनवाई 2 फरवरी को तय की गई है।उद्यमियों ने अर्जी देकर कहा था कि अगर 15 जनवरी के बाद इस पर सुनवाई की गई तो उनकी याचिका का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।

हरियाणा: अब युवाओं को नही मिलेगा इन नौकरियों में आरक्षण, अब हाई कोर्ट करेगा सुनवाई

आपको बता दे, इसलिए उन्होंने कहा या तो एक्ट पर रोक लगाई जाए या इस पर जल्द सुनवाई की जाए, लेकिन हाई कोर्ट ने कहा कि इस पर 2 फरवरी को ही सुनवाई होगी।

हरियाणा: अब युवाओं को नही मिलेगा इन नौकरियों में आरक्षण, अब हाई कोर्ट करेगा सुनवाई

आपको बता दे, हरियाणा के निवासियों को निजी क्षेत्र में 75 परसेंट आरक्षण मिलता थ।  लेकिन इस एक्ट को चुनौती देने वाले बहुत सारे याचिकाओं ने हाई कोर्ट में 2 दिन पहले सुनवाई के लिए कहा था,  जिसे अब  फरवरी में किया जायेगा।

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आपको बता दें इस याचिका में रोजगार अधिनियम 2020 को रद्द करने की मांग की गई है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि,  इस कानून के लागू होने से हरियाणा से इंडस्ट्री का पलायन हो सकता है तथा जो युवक योग्य हैं उन्हें हानि भी हो सकती है।

हरियाणा: अब युवाओं को नही मिलेगा इन नौकरियों में आरक्षण, अब हाई कोर्ट करेगा सुनवाई

उनका कहना है कि हरियाणा सरकार का यह फैसला योग्यता के साथ अन्याय है। ओपन की जगह आरक्षित क्षेत्र से नौकरी के लिए युवाओं का चयन किया जाता है। सरकार का यह फैसला अधिकार और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है,  इसलिए इसे रद्द करने की मांग की जा रही है।

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आपको बता दे, इसके अनुसार धरती पुत्र नीति के तहत राज्य हरियाणा सरकार प्राइवेट क्षेत्र में आरक्षण दे रही है है, जो नियोक्ताओं के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, क्योंकि निजी क्षेत्र की नौकरियां पूर्ण रूप से योग्यता व कौशल पर आधारित होती हैं।

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यह कानून केंद्र सरकार की एक भारत श्रेष्ठ भारत की नीति के विपरीत है। महामारी से प्रभावित बाजार को कुछ राहत की जरूरत है, लेकिन यह कानून जो निजी क्षेत्र के विकास को भी बाधित करेगा और संभावना है कि इसी कारण राज्य से इंडस्ट्री स्थानांतरित भी बाधित होंगी।