1 से 31 जुलाई तक बंद रहेंगे स्कूल, शिक्षा विभाग ने एक माह की अवधि को ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया

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बचपन में वैसे तो सभी ने सुना होगा कि अगर पढ़ लिखकर अच्छा इंसान बनना है तो स्कूल तो जाना ही पड़ेगा, क्योंकि बिना स्कूल गए और बिना शिक्षा ग्रहण किए व्यक्ति कभी संस्कारी और शिक्षित नहीं बन सकता। वही घर के बड़े बुजुर्ग भी कहा करते हैं कि मोबाइल फोन को छोड़ किताबों पर ध्यान लगाइए।

यह सभी वही बातें हैं जो बचपन में आपने बल्कि हम सब ने कभी ना कभी जरूर सुनी होगी।लेकिन कुदरत का खेल तो देखिए कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के चलते अब यह बातें सिर्फ बातें ही बनकर रह गई है क्योंकि जो वास्तविकता है वह कुछ और ही नजराना पेश कर रही है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है

1 से 31 जुलाई तक बंद रहेंगे स्कूल, शिक्षा विभाग ने एक माह की अवधि को ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया

क्योंकि कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए मार्च माह से ही शिक्षण संस्थानों पर अंकुश लगा दिया गया है और अब छात्रों को सलाह दी जाती है कि स्कूल ना जाकर घर पर ही पढ़ाई करें।

वहीं जहां एक टाइम में बड़े बुजुर्ग कहा करते थे कि फोन और टेलीविजन से दूर रहकर किताबों में मन लगाया करें, अभी यह थेओरी भी बदल गई है। छात्रों को पढ़ाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम का सहारा लिया जा रहा है जिसमें छात्रों ने टेलीविजन के माध्यम से अपनी पढ़ाई को जारी रखते हैं।

लेकिन यह सब भी छात्रों की भलाई के लिए ही सरकार योजनाएं बना रही हैं। इसी कड़ी में नई गाइडलाइन जारी करते हुए हरियाणा शिक्षा विभाग ने स्कूलों को 1 जुलाई से 31 जुलाई तक बंद रखने के आदेश दिए हैं और इस समय दी गई छुट्टियों को ग्रीष्म कालीन छुट्टियां घोषित कर दी है। इसका अर्थ यह है कि अब छात्रों को हर साल जून माह में दी जाने वाली छुट्टियों को इस बार जुलाई माह में दी गई है।