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हरियाणा मे कुल मरीजों में से 80 फीसदी गैर लक्षण वाले मरीज घरों में है आइसोलेट

हरियाणा मे 80% से ज़्यादा कोविड मामले (माइल्ड सिंप्टम्स के साथ) घर पर ही अपना इलाज कर रहे है। सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओ का इस्तेमाल करने की जगह अदिखतर लोग अपना इलाज घर पर ही करना पसंद कर रहे है।

स्वाथ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सोमवार के आकड़ो के मुताबिक हरियाणा मे कुल 17,504 कोविड के मामले है जिसमे से 3,893 एक्टिव मामले है और इन एक्टिव मामलो मे 1,879 माइल्ड सिंप्टम्स वाले मामले है।

हरियाणा मे कुल मरीजों में से 80 फीसदी गैर लक्षण वाले मरीज घरों में है आइसोलेट

हरियाणा आयुष्मान भारत के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर अशोक कुमार मीना के अनुसार हरियाणा स्वास्थ्य विभाग आईसीएमआर की गाइडलाइन्स फॉलो कर रहा है और घर पर इलाज करने की अनुमति भी दे रहा है।

आयुष्मान भारत के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर ने बताया कि ” सरकार ने माइल्ड सिंप्टम्स वाले लोगो के लिए ज़िलों मे कोविड देखभाल केंद्र नामक संस्थान बनाए है। हल्के लक्षण वाले रोगियों के लिए, सरकार ने ज़्यादातर सिविल असपतालो मे समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र बनाए है, हालांकि उसके बाद भी कुछ मरीज़ प्राइवेट अस्पतालों मे खर्च वहन करके जाना पसंद कर रहे है। गंभीर रोगियों के लिए सरकार ने अलग-अलग सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज मे समर्पित कोविड अस्पताल बनाए है।”

क्या है आईसीएमआर की गाइडलाइन्स ?

आईसीएमआर दिशानिर्देश के अनुसार, असिम्प्टोमैटिक रोगी या जिनको बहुत हल्के लक्षण है, वे घर अलगाव का विकल्प चुन सकते है, यदि उनके पास घर आत्म- अलगाव के लिए आवश्यक सुविधा हैं, ताकि परिवार मे किसी अन्य सदस्य के साथ संपर्क से बच सके।

हालांकि, इम्यूनो- कोम्प्रोमाइज़्ड मरीज़(जिसे पहले से ही कोई बीमारी हो – एचआईवी, कैंसर आदि) घर मे अलगाव के लिए योग्य नही है। 60 वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्ग और अन्य मरीज़ जिन्हें कोई हिर्दय रोग, पुराने फेफड़े, गुर्दे की बीमारी या कोई दिमागी बीमारी वाले, इन सभ रोगों वाले व्यक्तियों के लिए केवल उचित मूल्यांकन के बाद ही घर मे अलगाव की अनुमति दी जाएगी।

फरीदाबाद के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल मे सबसे ज़्यादा(243) मरीज़ थे, जिसके बाद बीपीएस सरकारी मेडिकल कॉलेज, खानपुर मे 113 और पंडित भागवत दयाल पीजीआईएमएस, रोहतक मे 99 मरीज़ थे।

हरियाणा मे लग-भग 1,480 मरीज़ मध्यम लक्षण वाले है जिसमे से कई ज़िलों के कोविड सेंटर्स पर है और कुछ प्राइवेट अस्पताल मे भी। कुल 534 रोगी नाज़ुक हालत मे है और उनका इलाज 12 सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजेस मे चल रहा है।

Written by- Harsh Datt

Avinash Kumar Singh

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