स्मार्ट सिटी कहे जाने वाले हरियाणा के औद्योगिक नगर फरीदाबाद में यदि सुविधाओं की बात करें तो उनकी संख्या समस्याओं की तुलना में सैकड़ों गुना कम है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद शहर में बिजली,पानी से लेकर बारिश के दिनों में जलभराव की समस्या तक सब आम हो चुका है।
समस्याओं की इस सूची में फरीदाबाद शहर की एक बड़ी समस्या है यहां पर बिजली के तारों का बुना हुआ जाल है जो आए दिन लोगों को मौत के मुंह में ले जाता है। बिजली के तारों का यह जाल केवल फरीदाबाद के कॉलोनी एवं गांव देहात के इलाकों में नहीं बल्कि शहर के उन विकसित सेक्टरों में भी फैला हुआ है जहां पर बड़े-बड़े उद्योगपति नेता एवं अन्य पूंजीपति लोग रहते हैं।
फरीदाबाद शहर के किसी भी बड़े बाजार में यदि आप निकलेंगे तो देखेंगे कि एक खंबे से दूसरे बिजली के खंभे तक तारों की डोरियों का झुंड लटका रहता है। शहर के कुछ इलाकों में बिजली के यह तार इतनी निचे लटके हुए हैं कि बोने व्यक्ति को भी सर झुकाकर चलना पड़े।
बिजली के लटके हुए तारों की सबसे अधिक समस्या शहर के ओल्ड फरीदाबाद इलाके में देखने को मिलती है। जहां पर बाजार से लेकर कॉलोनियों एवं प्रत्येक गली में बिजली के तार इतनी नीचे लटके हुए हैं कि आम जनता को अपना वाहन लेकर गुजरने में भी परेशानी होती है।
वही इन तारों के बीच – बीच में कट लगे हुए हैं जहां पर स्ट्रीट लाइटों को चालू करने के लिए बटन लगाए हुए हैं। यदि व्यक्ति अपनी सूझबूझ अनुसार इन तारों से बचकर ना निकले तो कभी भी इन तारों की चपेट में आकर अपनी जान गवा सकता है।
ऐसा नहीं है कि यह तार जनता को कोई खुशी देते हैं या जनता को लटके हुए तारों से कोई परेशानी नहीं होती क्षेत्र की जनता संबंधित अधिकारियों की चौखट का चक्कर काट काट कर सालों से अपने जूते घिस रही है लेकिन अभी तक इन समस्याओं का निवारण नहीं हो सका है।
जनता को प्रशासन द्वारा जिस प्रकार कोरोना महामारी के साथ सामान्य जीवन गुजारने के लिए छोड़ा जा रहा है उसी प्रकार वर्षों से फरीदाबाद की जनता को इन लटके हुए तारों के साथ 24 घंटे जान के खतरे के साए में अपना सामान्य जीवन बिताने के लिए फरीदाबाद प्रशासन द्वारा छोड़ दिया गया है।
अब जनता और प्रशासन दोनों किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे है जब एक साथ कई लोग इन तारों की चपेट में आए और प्रशासन की नींद खुले ऐसा होने पर ही इन लटके हुए तारों की समस्या का हल हो सकता है जिसके लिए जनता और प्रशासन दोनों इंतजार कर रहे हैं।