करोड़ों के खर्च के बाद भी कोई भी वार्ड अभी तक नहीं बन पाया आदर्श

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 करोड़ों के खर्च के बाद भी कोई भी वार्ड अभी तक नहीं बन पाया आदर्श

घर-घर कचरा संग्रहण के कार्य पर नगर निगम द्वारा हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, फिर भी कोई वार्ड अभी तक आदर्श नहीं बन पाया है। एक आदर्श वार्ड उसे माना जाता है जिसमें वार्ड के प्रत्येक घर से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र किया जाता है। वार्ड नंबर 7, 12, 27, 32 व 35 को आदर्श बनाने के लिए नगर निगम ने दो साल पहले पहल की थी, लेकिन काम आज तक पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में फरीदाबाद शहर स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम कैसे आ पाएगा। जबकि नगर निगम ईकोग्रीन को हर महीने कूड़ा उठाने के लिए 2.5 करोड़ रुपए देता है। इस तरह एक साल में करीब 30 करोड़ रुपए खर्च हो जाते हैं।

 

डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण कैंपेन

करोड़ों के खर्च के बाद भी कोई भी वार्ड अभी तक नहीं बन पाया आदर्श

 

आपको बता दें कि दिसंबर 2017 में नगर निगम क्षेत्र में ईको ग्रीन वेंडर्स द्वारा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का काम शुरू किया गया था। शुरुआती चरण में पांच वार्डों में काम शुरू किया गया था। बाद में अन्य सभी वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण शुरू हुआ। निर्णय लिया गया कि हर घर से कूड़ा उठाया जाए, लेकिन वर्तमान में भी हर वार्ड से शत प्रतिशत कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है।

 

आरडब्ल्यूए भी गुस्से में है

करोड़ों के खर्च के बाद भी कोई भी वार्ड अभी तक नहीं बन पाया आदर्श

आपको बताते चले कि कन्फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के महासचिव एएस गुलाटी का कहना है कि टी वाहन कई इलाकों में रोजाना नियमित रूप से नहीं आते हैं। नगर निगम को इस पर नजर रखनी चाहिए, ताकि कचरा उठाने के लिए रोजाना घर-घर वाहन जाएं।

 

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