शहर में ग्रीन बेल्ट की हालत किसी से छिपी नहीं है| जिस ग्रीन बेल्ट को पेड़ पौधे लगाने के लिए बनाया गया था आज उसी ग्रीन बेल्ट पर कूड़ा घर बन चुका है, और साथ ही कुछ उद्योगपतियों ने इस पर अवैध कब्जा कर रखा है| इंडस्ट्रियल एरिया में पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीन बेल्ट की जगह छोड़ी गई थी मगर अब यह ग्रीन बेल्ट उद्योगपति के अतिक्रमण की जद में है| ग्रीन बेल्ट पर पौधे लगाने की बजाय उद्योगपति इसकी हर जगह को अपने निजी हित के लिए इस्तेमाल कर रहे थे|
स्थिति यह बन चुकी है कि कई जगह उद्योगपति ने अपने कारखाने के सामने पक्के निर्माण भी बनवा लिए है| ऐसे में देखा देखी अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है| लेकिन इससे संबंधित विभाग की ओर से कोई कार्यवाही नहीं हो रही है|
इंडस्ट्रियल एरिया का यह क्षेत्र हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अधीन है| एस एच आई डी सी क्षेत्र में विकास कार्य करवाती है मगर विभाग अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है|
इन हालातों को देखते हुए सेव अरावली की टीम ने सैनिक कॉलोनी के सामने स्थित ग्रीन बेल्ट को संवारने का जिम्मा उठाया है| अब उन्होंने वहां कूड़ा घर की जगह 400 से अधिक पौधे रोककर वन विकसित कर दिया है|
पर्यावरण संरक्षण में जुटी सेव अरावली संस्था से कई समाजसेवी जुड़े हैं| शहर में पौधारोपण का मामला हो या भूजल स्तर बढ़ाने का, टीम हर जगह सक्रिय रहती है| टीम की बदौलत अरावली में अवैध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है|
सेव अरावली की टीम यहां के वातावरण के अनुकूल पौधे को रोपने पर ज्यादा जोर देती है, ताकि इनके पनपने में दिक्कत ना हो| सैनिक कॉलोनी के सामने ग्रीन बेल्ट पर लगाए गए पौधों में जामुन, पीपल, इमली, गुलमोहर ,अर्जुन ,नीम के पौधे शामिल हैं |सेव अरावली से जुड़े योगेश शर्मा ने बताया कि यह जगह काफी पहले चिन्हित कर ली गई थी |बीते रविवार को करीब 110 लोगों ने श्रमदान किया| सेव अरावली के संस्थापक जितेंद्र भडाना, कैलाश बिधूड़ी, सुनील बिधूड़ी ,विकास थरेजा, रमेश अग्रवाल, के साथ जुड़े अन्य सहयोगियों ने भी भरपूर सहयोग दिया|