फरीदाबाद या फिर भ्रष्टाबाद : फरीदाबाद शहर की स्थापना 1607 में शेख फरीद ने की थी, जिसे बाबा फरीद के नाम से भी जाना जाता है | जिले में हररोज आये भ्रष्टाचार के मामलों के कारण फरीदाबाद का नाम बदलकर शायद भ्रष्टाबाद करना उचित रहेगा |
सदियों पुराना नाम शायद सरकारी अधिकारीयों को पसंद नहीं आ रहा है | गत दिनों हुए नगर निगम के घोटालों से हर कोई परिचित है | नगर निगम वाला घोटाला शांत भी नहीं हुआ था कि एक और मामला सामने आगया |
अनीता शर्मा नामक अधिकारी ने 2019 में फरीदाबाद में डीपीसी रहते हुए अपने घर को घोटाले के समान से लबालब भर लिया | 2019 में उन्होंने अपने कार्यालय में इलेक्ट्रिकल काम करवाया था साथ ही कुछ स्टेशनरी और फर्नीचर का समान मंगवाया था | इन्हीं समान में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है |
राज्य प्रोजेक्ट निदेशक ने इलेक्ट्रिकल काम के कुल हिसाब में रिकवरी के लिए शिक्षा विभाग को लेटर भेजा है | अनीता शर्मा ने जो समान मंगवाया था उसका बिल करीब 2 लाख का था | लगभग 2 लाख रूपए की पेमेंट भी हो गयी थी | इस मामले में एक अकाउंटेंट ने एडीसी कम चेयरमैन और राज्य प्रोजेक्ट निदेशक को इसकी शिकायत दी | शिकायत के बाद जब जांच हुई तो पता चला की बिल गलत तरीके से बनाया गया है |
सरकारी अधिकारयों के पेट में न जाने क्या भरा होता है कि आम जनता का पैसा खाने में उन्हें आनंद मिलता है | अधिकारीयों ने जांच में पता लगाया कि अनीता ने इलेक्ट्रिकल काम का जो बिल 52,564 रूपए का बनाया था, उसका उसका असल में खर्चा 32,400 रूपए निकला | अब राज्य प्रोजेक्ट निदेशक ने अनीता से बचे हुए पैसों को जमा करवाने को कहा है |
सरकार कोई ख़राब नहीं होती ख़राब होते हैं तो अनीता जैसे सरकारी अधिकारी जो अपनी नौकरी का फ़ायदा उठा के गरीबों का पैसा खाते हैं |