हरियाणा सरकार ने बबीता फौगाट, और कबड्डी खिलाड़ी कविता को खेल विभाग मे उप-निदेशक बनाया

हरियाणा सरकार ने पहलवान बबीता फौगाट और कबड्डी खिलाड़ी कविता देवी को खेल विभाग का उप-निदेशक नियुक्त किया हैं।

हरियाणा सरकार के खेल विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा जारी किए गए दो अलग-अलग आदेशो के तहत बबीता और कविता को उप-निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है। बबीता और कविता दोनो ने राज्य सरकार से इन पदों के लिए आवेदन किया था।

हरियाणा सरकार ने बबीता फौगाट, और कबड्डी खिलाड़ी कविता को खेल विभाग मे उप-निदेशक बनाया

आदेश के अनुसार दोनो खिलाड़ियो को एक महीने के अंदर-अंदर आफिस जॉइन करना पड़ेगा।

बबीता चरखी दादरी से बीता विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी है और कविता जींद जिला के पडाना गांव की हैं। इन्होंने अपनी उपलब्धियों के आधार पर अन्य विभाग मे नौकरी लेने से इंकार कर दिया था। ये दोनों शुरू से खेल विभाग मे ही नियुक्ति चाहती थी और खेल को ही बढ़ावा देना चाहती है।

सरकार ने कुछ शर्तें भी रखी है

सरकार ने इन्हें नियुक्ति देने के साथ-साथ विभन्न नियम व शर्ते भी दी है। अगर इन्हें नियुक्ति पत्र मंज़ूर है तो नियमो के अनुसार पद संभालने के बाद दोनों खिलाड़ी किसी पेशेवर खेल, विज्ञापन व अन्य वाणिज्यिक कार्यक्रम मे हिस्सा नही ले सकेंगी।

नियुक्ति पत्र मिलने के 30 दिन के अंदर उन्हें उस पर अपनी सहमति देनी होगी। डोपिंग, मैच फिक्सिंग, यौन उत्पीड़न, गाली गलौच व इस तरह के अन्य मामलों मे दोषी होने पर भी नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी। नियुक्त पत्र मे शामिल 15 शर्तो को न मानने पर नौकरी के आदेश रद्द माने जाएंगे।

हिंदी फिल्म ‘दंगल’ की सफलता के बाद फौगाट नाम देश मे एक जानामाना नाम हो गया हैं, यह फ़िल्म फौगाट बहनों और उनके पिता पर आधारित है, जिन्होंने उन्हें सभी बाधाओं के खिलाफ प्रशिक्षित किया था।

कॉमनवेल्थ गेम्स की पदक विजेता फौगाट ने नई नियुक्ति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ” मैं इसे एक ज़िम्मेदारी के रूप मे लेती हूं जो मुझे सरकार द्वारा सौंपी गई है”।

“एक खिलाड़ी होने के नाते, मैं यह सुनिश्चित करूंगी की खिलाड़ियो को उनकी ज़रुरत की सभी सुविधाएं मिले, चाहे वो उनकी प्रैक्टिस से संबंधित हो या उनकी डाइट व आहार जिस्से वो अपने गेम पर ध्यान दे पाए”, फौगाट ने पीटीआई से कहा।

जब फौगाट से यह पूछा कि किन क्षेत्रो मे उन्हें लगता है की आगे सुधार की गुंजाइश हैं, तो उन्होंने कहा की ” हम कितना भी काम करे, चीज़ों को बेहतर बनाने की गुंजाइश हमेशा रहती है। एक स्पोर्ट्सपर्सन के रूप मे, मैं नही चाहती की हमारे खिलाड़ियों को उन समस्याओं का सामना करना पड़े जो हमे झेलनी पड़ी थी, चाहे वह आहार, कोच या खिलाड़ियो के अभ्यास से संबंधित हो”।

Written By – Harsh Datt

Avinash Kumar Singh

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