राखी बांधते समय इस मंत्र का करे उच्चारण,जानिए रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त, महत्व और मान्यताएं

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    रक्षा बंधन भाई बहन के प्यार को जताने वाला सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इस त्यौहार के आगे सारे त्यौहार फीके है, फिर चाहे वो होली हो या दिवाली। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी या फिर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं | इसके बदले भाई अपनी बहन तो भेंट देते हैं, उसकी रक्षा करने का वचन भी देते हैं |

    यह त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते को दर्शाता है।  हिंदूओं के लिए इस त्योहार का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं इस साल रक्षाबंधन का त्योहार कब मनाया जाएगा और इस पर्व का मुहूर्त क्या रहेगा।

    राखी बांधते समय इस मंत्र का करे उच्चारण,जानिए रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त, महत्व और मान्यताएं

    रक्षाबंधन का त्योहार इस साल 3 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। यह त्योहार हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है और 3 अगस्त के दिन यह तिथि पड़ रही है। 

    रक्षा बंधन का महत्व

    रक्षा बंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. खासतौर पर उत्तर भारत में इसे दीवाली या फिर होली की तरह पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह हिंदू धर्म के उन त्योहारों में से एक हैं, जिन्हें पुरातन काल से मनाया जाता आ रहा है |

    यह त्योहार भाई-बहन के असीम प्रेम और अटूट रिश्ते को दर्शाता है और राखी का धागा दोनों के स्नेह को दर्शाता है. देशभर के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में सावन की पूर्णिमा पर जल देवता वरुण की पूजा की जाती है |

    राखी बांधते समय इस मंत्र का करे उच्चारण,जानिए रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त, महत्व और मान्यताएं

    रक्षाबंधन मुहूर्त 2020 

    राखी का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है | इस साल यह त्योहार सोमवार को मनाया जा रहा है और इस वजह से इसका महत्व बढ़ जाता है | दरअसल, सावन के महीने में सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है | इस वजह राखी के सोमवार के दिन होने पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है |

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    रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- 09:28 से 21:14

    अपराह्न मुहूर्त- 13:46 से 16:26
    प्रदोष काल मुहूर्त- 19:06 से 21:14
    पूर्णिमा तिथि आरंभ – 21:28 (2 अगस्त)
    पूर्णिमा तिथि समाप्त- 21:27 (3 अगस्त)

    रक्षाबंधन पर्व का धार्मिक महत्व

    पौराणिक कथा के अनुसार, राजसूय यज्ञ के समय भगवान कृष्ण को द्रौपदी ने रक्षा सूत्र के रूप में अपने आंचल का टुकड़ा बांधा था। इसी के बाद से बहनों द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा शुरू हो गई। रक्षाबंधन के दिन ब्राहमणों द्वारा अपने यजमानों को राखी बांधकर उनकी मंगलकामना की जाती है। इस दिन विद्या आरंभ करना भी शुभ माना जाता है।

    राखी बांधते समय इस मंत्र का करे उच्चारण,जानिए रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त, महत्व और मान्यताएं

    इस विधि से भाई की कलाई में बांधें राखी

    रक्षा बंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, संपन्ना और खुशहाली की कामना करती है. वहीं भाई अपनी बहनों को तोहफे देकर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं. राखी के दिन आप अपने भाई को इस तरह से राखी बांधे:
    -सबसे पहले राखी की थाली सजाएं. इस थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज, दीपक और राखी रखें.

    • अब अपने भाी को तिलक लगाएं और उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र यानी कि राखी बांधें.
    • इसके बाद अपने भाई की आरती उतारें.
    • अब भाई का मुंह मीठा कराएं.
    • यदि भाई आपसे बड़ा है तो आप चरण स्पर्श करें. वहीं अगर बहन बड़ी है तो भाई को चरण स्पर्श करना चाहिए.
    • राखी बांधते वक्त इस मंत्र का उच्चारण करें.
      ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
      तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।