फरीदाबाद : कोरोना मरीजों का हो रहा है नीम की गोलियों से इलाज

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    नीम : कोरोना वायरस ने जबसे अपना प्रहार करना शुरू किया है, तभी से भारत समेत हर देश में इसको हराने की कवायद हो रही है | दुनिया भर के वैज्ञानिक अलग – अलग शोध करने में जुटे हैं | फरीदाबाद में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोरोना पर नीम का प्रभाव जानने के लिए शोध शुरू किया गया है |

    पहले फेज में 250 स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया गया | सकारात्मक परिणाम मिलने पर कोरोना मरीजों का इलाज भी इसी विधि से किया जा सकेगा | यह शोध केंद्र सरकार के अधीनस्थ अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान सहयोग से किया जा रहा है |

    फरीदाबाद : नीम के प्रभाव जान ने के लिए शोध शुरू

    भारत ने दुनिया को योग दिया, भारत ने ही दुनिया को आयुर्वेद दिया | कोरोना काले में आयुर्वेद से बहुत सी अपेक्षाएं हैं | आयुष मंत्रालय का मानना है कि नीम कोरोना के इलाज में कारगर साबित हो सकती है | इसलिए नीम पर शोध करने का फैसला लिया गया है |

    फरीदाबाद में कोरोना का प्रहार जिस गति से फैल रहा है | वे जिले वासियों के लिए चिंता का विषय है | नीम के इस शोध में चयनित स्टाफ में डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, हाउसकीपिंग, सुरक्षाकर्मियों सहित कई लोगों को शामिल किया गया है | शोध में शामिल किए गए डाक्टर व अन्य कर्मचारियों को 28 दिन तक नीम की गोलियों की सुबह शाम की 56 खुराक दी जाएगी |

    फरीदाबाद : नीम के प्रभाव जान ने के लिए शोध शुरू

    महामारी के इस दौर में सभी को सतर्कता दिखाने की आवश्यकता है, लेकिन फ़रीदाबादवासी बेखौफ होक घूम रहे हैं | आपको बता दें शोध के दौरान कर्मचारियों की एलाइजा जांच के रूप में नाक एवं मुंह से सैंपल लेकर कोरोना जांच की जाएगी | यदि कोई पाजिटिव पाया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस के प्रभाव की जांच की जाएगी |

    फरीदाबाद : नीम के प्रभाव जान ने के लिए शोध शुरू

    आयुष मंत्रालय की तरफ भारत के करोड़ों लोगों की निगाहें हैं | नीम पर शुरू इस शोध की टीम में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की आयुष निदेशक डॉ. तनुजा, डॉ. गालिब और डॉ. एस. राजगोपाल, ईएसआइसी मेडिकल कालेज से डीन डॉ. असीम दास, रजिस्ट्रार डॉ. अनिल पांडे और डॉ. अंजू को शामिल किया गया है |