बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि कानून का कोई डर नहींम उनके दिल में। फरीदाबाद हो या उसका पडोसी गुरुग्राम बदमाश बेखौफ होक घूम रहे हैं। यस बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरज अहलावत की मौत से रहस्य का पर्दा उठाने के लिए गठित की गई विशेष जांच टीम मंगलवार को जांच शुरू नहीं कर सकी। दूसरी ओर धीरज की पत्नी सीमा ने पुलिस के ढीले रवैये पर सवाल खड़े किए हैं।
महामारी कोरोना के कारण भले ही भुकमरी फैली हो, लेकिन अपराधों की राह भी चुन ने वालों की संख्या भी बड़ी है। सीमा का कहना है कि उनके पति का किसी ने पहले अपहरण किया फिर हत्या कर शव गायब करने के लिए दिल्ली के हैदरपुर स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को जाने वाली नहर में डाल दिया था।
जिस प्रकार कोरोना पर लगाम लगा पाना कठिन हो गया है, उसी प्रकार अपराधों को रोकना भी मुश्किल होता जा रहा है। सीमा को शक है कि धीरज की हत्या पैसे के लेन-देन को लेकर की गई। पुलिस अगर गंभीरता से जांच करे तो हत्या करने या कराने वालों के चेहरे सामने आ सकते हैं। धीरज बैंक की नौकरी के अलावा कई लोगों के साथ मिलकर एक फाइनेंस कंपनी भी चला रहे थे।
समय ऐसा आया हुआ है कि किसी से फ़ालतू मत बोलो। किसी के दिमाग में क्या है आप नहीं जान सकते। 37 वर्षीय धीरज पत्नी सीमा तथा पांच साल की बेटी व डेढ़ साल के बेटे के साथ रहते थे। कोरोना संक्रमण के चलते वह सप्ताह में एक दो बार बैंक जाते थे और बाकी दिनों में घर से ही काम कर रहे थे। पांच अगस्त की शाम वह अपने दोस्त गौरव के साथ पार्क में टहल रहे थे। शाम करीब पांच बजे गौरव व धीरज पार्क से एक साथ निकले। गौरव अपने घर की ओर चले गए जबकि धीरज अपने घर जा रहे थे।
छोटे – छोटे बच्चे और सीमा की मदद के लिए सरकार ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है। सीसीटीवी फुटेज में वह पार्क से निकल मुख्य सड़क तक जाते दिखाई दिए। बताते हैं कि उनके मोबाइल पर वाट्सएप कॉल आई उसके बाद वह घर की ओर न जाकर आगे बढ़ गए। उसके बाद से वह लापता हो गए। उनकी बहन द्वारा बंधी एक राखी से वरिष्ठ उपाध्यक्ष के परिवार को दिल्ली के एक अस्पताल में उनकी पहचान करने में मदद मिली थी।