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हरियाणा में कृषि क्षेत्र के लिए 3 हज़ार करोड़ की परियोजनाएं तैयार, मिलेगा ये लाभ

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हरियाणा में कृषि क्षेत्र के लिए 3 हज़ार करोड़ की परियोजनाएं तैयार : किसी भी देश या प्रदेश को यदि अवल बन न है तो निवेश आवश्यक है। हरियाणा सरकार आत्मानिर्भर भारत अभियान आर्थिक पैकेज के तहत केंद्रीय वित्त मंत्रालय को 3170 करोड़ रुपए की कृषि आधारभूत संरचना विकास और किसान कल्याण परियोजनाएं प्रेषित करने पर विचार कर रही है। योजना के तहत परियोजनाओं की जांच एवं सिफारिश करने के लिए सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने का जूनून हम सभी के दिलों में होना चाहिए। केंद्र सरकार ने कृषि आधारभूत सरंचना कोष के तहत वित्तीय सुविधा योजना के अंतर्गत आर्थिक पैकेज के हिस्से के रूप में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से।

हरियाणा में कृषि क्षेत्र के लिए 3 हज़ार करोड़ की परियोजनाएं तैयार, मिलेगा ये लाभ

आधारभूत संरचना और लॉजिस्टिक सुविधाओं के लिए उद्यमियों, स्टार्ट-अप्स, एग्री-टेक प्लेयर्स और किसान समूहों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक लाख करोड़ रुपए के कोष के साथ कृषि आधारभूत संरचना कोष शुरू किया है।

देश और प्रदेश दोनों से ही हमें प्रेरणा मिलती है। योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तरीय निगरानी समिति और जिला स्तरीय निगरानी समितियों का भी गठन किया जाएगा। राज्य स्तरीय निगरानी समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे।

हरियाणा में कृषि क्षेत्र के लिए 3 हज़ार करोड़ की परियोजनाएं तैयार, मिलेगा ये लाभ

किसानों के लिए सभी राज्य सरकारों को गंभीरता दिखानी चाहिए। कृषि उत्पादन आयुक्त, कृषि विभाग के प्रधान सचिव, सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के क्षेत्रीय निदेशक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक और राज्य द्वारा मनोनीत किए जाने वाले अधिकतम तीन अधिकारी इस समिति के सदस्य के रूप में कार्य करेंगे जबकि राज्य नोडल अधिकारी इसके सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे।

हरियाणा में कृषि क्षेत्र के लिए 3 हज़ार करोड़ की परियोजनाएं तैयार, मिलेगा ये लाभ

हरियाणा सरकार की इस पहल से सभी राज्य सरकारों को सीख लेने की आवश्यकता है। सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि टास्क फोर्स हितधारकों से प्रस्ताव आमंत्रित करेगा, प्रस्तावों की व्यवहार्यता की जांच करेगा और सरकार के विचारार्थ या अनुमोदन के लिए परियोजनाओं की सिफारिश करेगा। कृषि क्षेत्र

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