फरीदाबाद का विकास डूबा हुआ है पानी में : फरीदाबाद स्मार्ट सिटी बदल कर नाम बारिश वाली सिटी रखने का विचार करना चाहिए। जिले में थोड़ी देर बारिश क्या हो जाये, सड़कें तलाब बन जाती हैं। मॉनसून के आखिरी दिनों में हुई तेज बारिश से कई जगह लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। कहीं पेड़ गिरे तो कहीं दीवारें ही टूट कर गिर गईं। तो कहीं सड़क हादसे हो गए।
फरीदाबाद का प्रशासन विकास करने का दावा तो करता है, लेकिन बारिश सारा पानी फेर देती है। शहर में बहुत सी जगहों पर अभी भी जलभराव है । अंडरपास से लेकर सड़कों तक पर पानी नीन भरा रहता है। वहीं, कुछ जगह सड़कें घंस भी गईं, जिससे ट्रैफिक बाधित हुई।
एनआईटी हो या कोई सेक्टर लोग घरों से बहार निकलने को तरसते रहते हैं। विकास के नाम पर निगम ने ऐसा जाल बिछाया हुआ है जो लोगों को बारिश के पानी में स्विमिंग पूल जैसा नजारा दिखा देता है। सवाल यह उठता है कि जलनिकासी के लिए खर्च करोड़ों रुपये भी इस जलभराव से लोगों को राहत नहीं दिलवा पा रहे हैं।
गत वर्षों फरीदाबाद में विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए। सड़कों के साथ-साथ नाले-नालियां बनाई गई, लेकिन यह विकास बारिश में डूब गया है। थाेड़ी से बारिश हाेते ही सड़काें पर पानी जमा हाे जाता है। लोग घर से बाहर नहीं निकल सकते। फरीदाबाद के गाँवों में जिन लोगों ने पशु पाले हुए हैं, उनके पशुओं के घुटनों तक पानी भरा है। इलाके में पीने के पानी की सप्लाई भी दूषित आ रही है।
डबुआ कॉलोनी में तो बड़े – बड़े खड्डे बन गए हैं। सड़कें टूटने का मंज़र डबुआ ही नहीं जिले के हर क्षेत्र में देखने को मिल जाएगा। बारिश के बाद दर्जन भर जगहों पर मैन रोड व सर्विस लेन में पेड़ गिर गए थे। जिससे लोगों को परेशानी हुई। ट्रैफिक बाधित हुआ। लेकिन निगम बस सोता रहा।