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अब हरियाणा के हिसार में मिलेगा गधी का दूध, कीमत होगी 7 हजार रूपए प्रति लीटर

अब हरियाणा के हिसार में मिलेगा गधी का दूध, कीमत होगी 7 हजार प्रति लीटर
अक्सर हम और आप गधे शब्द का इस्तेमाल जब करते है जब हमें किसी व्यक्ति को चिढाना हो या उसकी तुलना गधे से करके उसको उसकी मानसिकता का ज्ञान करना होता है।

चाहे जो भी हो, गधों के भी खूबियां होती है जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है। वैसे बात करे तो आपने सिर्फ गाय या भैंस के दूध की डेयरी देखी होगी, लेकिन बहुत जल्द ही हरियाणा के हिसार में गधी के दूध की भी डेयरी खुलने वाली है।

अब हरियाणा के हिसार में मिलेगा गधी का दूध, कीमत होगी 7 हजार रूपए प्रति लीटर

आपको बता दें कि यह देश में ऐसा पहली बार होगा जब गधी का दूध भी बिकने वाला है। इसकी कीमत जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल इस गधी के दूध की कीमत 7 हजार रूपए प्रति लीटर होगी।

वहीं जल्द ही यह डेरी में मिलना शुरू हो जाएगा अगर इसके फायदे की बात करें तो गधी का दूध इंसानों के लिए ना सिर्फ फायदेमंद बल्कि शरीर की इम्युनिटी सिस्टम को भी बढ़ाने में कारगर साबित होगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि कई ब्यूटी प्रोडक्ट भी इसी दूध से तैयार किए जाते हैं।

राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) हिसार में गधी के दूध की डेयरी शुरू होने जा रही है। एनआरसीई हिसार में हलारी नस्ल की गधी के दूध की डेयरी शुरू होने जा रही है। जिसके लिए एनआरसीई ने 10 हलारी नस्ल की गधी पहले ही मंगा ली हैं।फिलहाल इनकी ब्रीडिंग की जा रही हैं।

हलारी नस्ल की गधी के दूध को दवाइयों का खजाना कहा जाता है। इसके दूध में कैंसर, मोटापा, ऐलर्जी जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है।यह नस्ल गुजरात में पाई जाती है।

वही इस विषय में जानकारी देने वालों का कहना है कि कई बार देखा जाता है कि गाय और भैंस के दूध से छोटे बच्चों को अलग अलग तरह की एलर्जी हो जाती है, लेकिन यह बात गधी के दूध में लागू नहीं होगी। दरअसल, इस दूध से कभी किसी भी व्यक्ति को एलर्जी जैसी समस्या नहीं उत्पन्न हो सकती। इसके दूध में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजीन तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में कई गंभीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित करते हैं।

ब्रांडिंग के बाद डेयरी का काम जल्द शुरू हो जाएगा. गधी का दूध बाजार में 2000 से लेकर 7000 रुपए प्रति लीटर तक में बिकता है। इससे ब्यूटी प्रॉडक्ट्स भी बनाए जाते हैं जो काफी महंगे होते हैं। गधी के दूध से साबुन, लिप बाम, बॉडी लोशन तैयार किए जा रहे हैं।

गधी के दूध की डेयरी शुरू करने के लिए एनआरसीई हिसार के केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र और करनाल के नेशनल डेयरी रीसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की भी मदद ली जा रही है। जानकारों का मानना है कि इस डेयरी के शुरू होने से लोगों को काफी फायदा पहुंचेगा।

यह बेहद ही गर्व पूर्ण बात है कि हरियाणा में इस तरह की पहल शुरू की गई है। जल्दी डेरी में गधी का दूध मिलने से आमजन को इसके फायदे के बारे में जानकारी हासिल हो सकेगी। हालांकि, इसकी कीमत आम इंसान की पहुंच से काफी ज्यादा बाहर है, लेकिन अगर इसकी फायदे की बात की जाए तो उस हिसाब से इस दूध की कीमत कुछ भी नहीं है।

Avinash Kumar Singh

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