मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने पर खड़े हो रहे हैं बड़े सवाल : मैं हूँ फरीदाबाद

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नमस्कार! मैं हूँ फरीदाबाद। आज मैं प्रशासन से और तमाम फरीदाबाद वासियों के बीच कुछ सवाल दागने हाज़िर हुआ हूँ। मेरे ये सवाल मेरे लिए नहीं पर मेरी जनता और मेरे “विकास” के लिए हैं। क्या सच है और क्या झूठ यह तो मैं भी नहीं जानता पर ये ज़रूर जानता हूँ की बदलाव धरती का नियम हैं और फरीदाबाद को बदलाव की दरकार है।

शहर के कार्यक्रम में कैसे उड़ी थीं कोरोना की धज्जियाँ ?

कुछ हफ़्तों पहले सीएम साहब का दस्ता मेरी चौखट पर आया था। यहाँ कार्यक्रम में पधारे माननीय मंत्री जी ने सभी से मुलाक़ात की। नेता, पत्रकार, आम आवाम सब थे इस महफिल में। समारोह में मास्क इधर-उधर जमीन पर बिखरे नजर आ रहे थे। महफिल में एक दूसरे से बचते बचाते हर कोई सोशल डिस्टेंसिंग का ढोंग भी कर रहा था। पर अपने राज्य के सम्राट से मिलना और अपने स्मार्ट फोन से उनकी एचडी तस्वीर उतारना सामाजिक दूरी से ज्यादा महत्तवपूर्ण है।

मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने पर खड़े हो रहे हैं बड़े सवाल : मैं हूँ फरीदाबाद

वहीं मंत्री जी के मास्क ने भी उनकी नाक से झगड़ा किया हुआ था। मास्क गुस्साई हुई लुगाई कि तरह बार बार रूठकर उनकी नाक से अलग हो रहा था। उनके साथ आए राज्य के एक और कद्दावर नेता का हाल भी मुख्यमंत्री जी से मिलता जुलता था। रात दिन कोरोना के आंकड़ों को लहजे के साथ पेश करने वाले पत्रकार, मंत्री जी की बाइट के लिए इतने उतावले थे कि सामाजिक दूरी नामक शब्द को उन्होने समाज से ही मिटा दिया था। पर उस दिन मुख्यमंत्री के साथ तस्वीर खिंचवाने आए नेता और सवाल दागने आए पत्रकार अब खुद सवाल बनकर रह गए हैं।

सीएम के कोरोना संक्रमण के चलते कैसे पारित किया जाएगा युवा आरक्षण बिल ?

मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने पर खड़े हो रहे हैं बड़े सवाल : मैं हूँ फरीदाबाद

वादों की बहुत बड़ी फेहरिस्त पड़ी है मेरे पास। उन तमाम वादों में से एक है युवा आरक्षण बिल। हरियाणा में राज्य के युवाओं के लिए प्राइवेट नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए यह बिल पारित किया जाना है। यह बिल क्षेत्र के युवाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है। जिससे राज्य में बेरोज़गारी का स्तर कम होगा और युवा नौकरी पा सकेंगे। मानसून सत्र में इस विधेयक को ले जाया जाएगा जिसका नेतृत्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला करेंगे। यह बिल भी जेजेपी के बड़े वादों में से एक है। पर मुख्यमंत्री खट्टर का संक्रमित होना इस बिल के पारित किये जाने की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर देता है। इस समय गृह मंत्री की भी तबीयत नासाज़ है ऐसे में बिल कैसे पारित किया जाएगा यह अपने आप में ही बहुत बड़ा सवाल है ? क्या एक बार फिर मैं विकास से महरूम रह जाऊँगा ?