इस बात में कोई दो राय नहीं है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देशभर में कई नए परिवर्तन देखने को मिले तो, वहीं कुछ क्षेत्रों में परिचालन तो शुरू किया गया लेकिन विशेष इंतजामों के साथ। परंतु अभी तक यातायात के साधनों में मेट्रो को अभी तक इजाजत नहीं मिल सकी हैं।
ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि दिल्ली में अब जो स्थिति है वह काफी हद तक ठीक है। इसलिए बाकी राज्यों में ना सही लेकिन दिल्ली में मेट्रो परिचालन को इजाजत दी जाए।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि व्यापारियों के लिए दिल्ली सरकार ऑनलाइन ‘दिल्ली बाजार’ लॉन्च करेगी, जिससे पूरी दुनिया को यह पता चल सकेगा कि दिल्ली में क्या माल बनता और क्या बिकता है। दिल्ली के मार्केट अंतरराष्ट्रीय मानकों के होने चाहिए। हमने चांदनी चौक का ट्रायल के आधार पर पुनर्विकास किया है और इसी तर्ज पर बाकी मार्केट व सभी सड़कों को भी खूबसूरत बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए हमने डीजल के दाम कम किए और रोजगार बाजार पोर्टल शुरू करने के साथ कई सारे कदम उठाए हैं। सार्वजनिक परिवहन की समस्या को खत्म करने के लिए हम केंद्र सरकार से लगातार बात कर रहे हैं और उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही मेट्रो शुरू करने की अनुमति दे देगी।रविवार को दिल्ली के सभी व्यापारियों के साथ बातचीत
गौरतलब, दिल्ली में कोरोना के मामले कम जरूर हुए हैं लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। ऐसे में मेट्रो यात्रियों से लेकर सुरक्षाकर्मियों तक को कई तरह के गाइडलाइंस और नियमों को मानना होगा।
सितंबर माह की शुरुआत मेट्रो को दिखा सकती है राह
इस बात से सभी परिचित है कि देश में कोरोना की दस्तक के बाद ऐहतियात दिल्ली मेट्रो को भी बंद किया गया था। ऐसे में अब तक दिल्ली मेट्रो को आर्थिक मोर्चे पर बहुत नुकसान हुआ है। यहां तक कि मेट्रो कर्मचारियों की सैलरी तक में कटौती का फैसला करना पड़ा है। ऐसे में अनलॉक-4 में 1 सितंबर से अगर मेट्रो को शुरू किया जाता है तो दिल्लीवासियों को लिए यह किसी खुशखबरी से कम नहीं होगी।
कोरोना काल में सफर करना नहीं होगा इतना आसान
हालांकि जब मेट्रो शुरू होगी, तो लोगों को कई सारे नए नियमों का पालन होगा। खासकर मेट्रो में एंट्री करते वक्त थर्मल स्कैनिंग से लेकर चेकिंग तक में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। सीआईएसएफ के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सभी प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर ऑटोमैटिक थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की जा रही है।
मेट्रो में चढ़ने से पहले होना होगा सैनिटाइज
हालांकि छोटे स्टेशनों पर मैनुअल तरीके से ही स्कैनिंग की जाएगी। सभी यात्रियों को अपने फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा और एंट्री पॉइंट पर अपना स्टेटस भी दिखाना होगा। जिनके पास स्मार्टफोन नहीं होंगे, उनकी थर्मल स्कैनिंग करके यह देखा जाएगा कि उन्हें मेट्रो में यात्रा की अनुमति दी जाए या नहीं। स्टेशन के एंट्री पॉइंट पर सैनिटाइजर की व्यवस्था भी की जाएगी।
जांच पड़ताल के समय भी होगा सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखना
अभी तक सीआईएसएफ के कर्मचारी चेक पॉइंट पर हर यात्री की काफी नजदीक से चेकिंग किया करते थे और शक होने पर अलग से अपने हाथों से यात्री की जेब भी चेक कर लिया करते थे, मगर अब दूर से ही चेकिंग और फ्रिस्किंग की जाएगी।
एयरपोर्ट की तर्ज पर अब लोगों को अपनी जेब में रखा सारा सामान किसी बैग में डालना होगा और उस बैग को स्कैनर मशीन पर रखकर उसकी चेकिंग करवानी होगी। लेकिन अगर किसी के पास बैग नहीं हुआ, तो ऐसे लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्हें अब एयरपोर्ट की तर्ज पर मेट्रो स्टेशनों पर भी जेब में रखा सामान चेक करवाने के लिए ट्रे मुहैया कराई जाएगी, जिसमें अपना सामान रखकर वे उसे चेक करवा सकेंगे।
अभी भारी-भरकम सामान ले जाने की नहीं मिलेगी इजाजत
अगर कोई व्यक्ति सीधे चेक पॉइंट पर पहुंच जाता है और चेकिंग के दौरान मेटल डिटेक्टर से बीप की आवाज आती है, तो ऐसे लोगों को अपनी जेब में रखा सारा सामान अपने हाथ से निकाल कर दिखाना होगा।
महिलाओं को भी जांच के दौरान अपने पर्स या बैग को खोलकर दिखाना होगा कि उसमें कोई संदिग्ध वस्तु तो नहीं रखी हुई है। एक व्यक्ति को अपने साथ केवल एक बड़ा बैग या एक लैपटॉप और एक छोटा हैंड बैग या पर्स ही साथ ले जाने की इजाजत दी जाएगी।
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए होंगे विशेष इंतजाम
स्टेशन परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए जाएंगे। ऐसे में चेकिंग के दौरान लोगों को अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ेगा और एक-एक करके ही यात्रियों को अंदर जाने की इजाजत मिलेगी। बिना मास्क लगाए मेट्रो स्टेशन में एंट्री नहीं मिलेगी।
निश्चित संख्या के आधार पर होगी मेट्रो की यात्रा
यात्रियों के लिए यह हिदायत रहेगी कि वे कम से कम जगहों को छुएं। लिफ्ट का इस्तेमाल केवल बेहद बुजुर्गों और विकलांगों को ही करने दिया जाएगा। चेकिंग में वक्त लगेगा और ट्रेनों में भी सीमित संख्या में ही लोगों को यात्रा करने की इजाजत होगी, ऐसे में लोगों को कम से कम आधे घंटे का एक्स्ट्रा टाइम साथ लेकर चलने के लिए कहा जाएगा।