भारत में अनेकों ऐसे लोग हैं जो राष्ट्र की सुरक्षा के बारे में पढ़ना चाहते हैं। सरकार लगातार नए – नए कदम उठा रही है। कोरोना काल में एक और कदम उठाया गया है और अब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को भविष्य के कानूनविदों को समझने में किसी तरह की परेशानी ना हो और युवा विदेशी ताकतों से मिलने वाली धमकियों की अपने स्तर पर उचित समीक्षा कर सके।
ऐसे बहुत से मौके आते हैं, जब किसी वकील या फिर पत्रकार के पास धमकीयां आती हैं। इसके लिए ही डिफेंस स्टडीज विषय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पंचवर्षीय बीए एलएलबी और बीएससी एलएलबी कोर्स में अनिवार्य विषय के तौर पर जोड़ दिया है।
केंद्र सरकार ने कुछ ही दिनों पहले देश को नई शिक्षा नीति के बारे में बताया था। अभी तक हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, समाजशास्त्र व अर्थशास्त्र के विषयों को जोड़ा गया था। अब इनके स्थान पर डिफेंस स्टडीज को भी पढ़ा जा सकेगा। अब तक कानून और डिफेंस स्टडीज विषयों को अलग-अलग ही पढ़ाया जाता था। अब देशभर के सभी विवि और लॉ कालेजों में इसे नए सत्र 2020-21 से ही लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
देश में गत वर्षों से लगातार कुछ न कुछ नया आता जा रहा है। गुड़गांव में बनाई जा रही दुनिया की तीसरी और देश की पहली इंडियन नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी में अभी डिफेंस स्टडीज विषय ही पढ़ाया जा रहा था। अब कानून की पढ़ाई के साथ डिफेंस स्टडीज विषय जुड़ जाने के बाद पीजी स्तर की पढ़ाई में फायदा मिलेगा।
भारत में प्रतिवर्ष लाखों युवा वकालत में जाते हैं। पंचवर्षीय कोर्स करके आगामी पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट के विवि में जाने से विवि का बैकअप स्टफ भी बेहतर हो सकेगा। अभी तक इस तरह की पढ़ाई करने के लिए सैन्य अधिकारी अलग से दाखिला लेते थे, लेकिन अब वे एक ही जगह पर यह कोर्स पूरा कर सकेंगे।