गन्दगी से नगम निगम खुद है सराबोर कैसे होगा फरीदाबाद साफ

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सफाई का पाठ हर व्यक्ति को हर स्थान पर सिखाया और पढ़ाया जाता है। चाहे वह व्यक्ति का घर क्यों ना हो या फिर शिक्षा का मंदिर। अपने आसपास साफ सफाई रखना कितना महत्वपूर्ण है इसका ज्ञान किताबों से लेकर आसपास लगे बैनर्स में पढ़कर लगाया जा सकता है।

वही शहर को गंदगी मुक्त करने की बात करें तो जितना कर्तव्य एक आम आदमी का होता है उससे कहीं ज्यादा जिले की नगर निगम का होता है।

गन्दगी से नगम निगम खुद है सराबोर कैसे होगा फरीदाबाद साफ

परंतु फरीदाबाद की नगर निगम की तस्वीरें आपको यह सोचने पर मजबूर कर देंगी कि जिनके कंधों पर जिले को साफ करने का भार दिया गया है वहीं खुद गंदगी के ढेर में लिपटी हुई है।

इतना ही नहीं नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही का भुगतान नगर निगम के बाहर लगा साइन बोर्ड भी भुगत रहा है। यही कारण है कि नगर निगम की पहचान कराने वाला साइन बोर्ड भी सर झुकाए नगर निगम का परिचय देने से शर्मा रहा है।

गन्दगी से नगम निगम खुद है सराबोर कैसे होगा फरीदाबाद साफ

यह तस्वीरें फरीदाबाद के अंतर्गत आने वाले ओल्ड फरीदाबाद के नगर निगम की है। जहां प्रवेश करने से पहले स्थान को चिन्हित करने वाला साइन बोर्ड ही अपना सर झुकाए खड़ा है। वहीं जब अंदर की तस्वीरें देखी जाए तो गंदगी का आलम पसरा हुआ साफ-साफ देखा जा सकता है।

इतना ही नहीं कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के चलते जहां साफ-सफाई और हैंड सैनिटाइजर जैसे हथियारों को अपनाकर इस बीमारी से छुटकारा पाने की बात की जा रही है वही यह निगम गंदगी से पटा हुआ दिखाई दिया।

गन्दगी से नगम निगम खुद है सराबोर कैसे होगा फरीदाबाद साफ

नगर निगम के अंदर बने सार्वजनिक शौचालय की बात करें तो यहां हैंड सैनिटाइजर जैसे किसी भी चीज का नामोनिशान तक नहीं है। ऐसे में यहां आने वाले हर व्यक्ति के लिए यह सवाल निगम अधिकारियों से पूछना लाजमी है कि अगर वह स्वयं ही गंदगी के ढेर में रहते हैं तो वह पूरे जिले को साफ करने का भार कैसे उठा पाएंगे??