ये क्या किया सरकार ने? : कोरोना वायरस ने अर्थव्यवस्था के बाद यदि किसी और चीज़ पर अपना सबसे अधिक प्रभाव दिखाया है। लॉकडाउन व कोरोना वायरस संक्रमण के कारण शिक्षण संस्थान बंद होने पर शैक्षणिक सत्र को लेकर विद्यार्थियों की चिंताएं रोज गहराती जा रही हैं। हाल ही में स्कूल शिक्षा निदेशालय ने समस्या का समाधान करते हुए पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं का 30 फीसदी पाठ्यक्रम कम कर दिया है।
पहली से पांचवी के बच्चों के लिए यह कदम सराहनीय है। सरकार ने विषयवार कई पाठ्यक्रम हटाए गए हैं। हालांकि कई जरूरी पाठ में से कुछ पेज कम पढ़ने के भी निर्देश इसमें शामिल हैं।
फरीदाबाद में अनेकों ऐसे अभिभावक हैं, जो चाहते थे कि उनके बच्चों का शिक्षा में ध्यान लगे और कुछ पाठ्यक्रम कम हो। गणित विषय में गेंद और डिब्बा, चटलू-पटलू, नाचता तोता, कितने मेरी मुट्ठी में, फल की दुकान, क्या कितने का, क्या पहले क्या बाद में, कितना लंबा कितना दूर जैसे अभ्यास पाठ में से कुछ पन्ने का अभ्यास कम किया गया है।
कोरोना वायरस ने बहुत कुछ बदल के रख दिया है। जो कदम उठाया गया है, यह सभी पहली कक्षा के पाठ्यक्रम में गणित विषय के अंदर किए गए बदलावों में शामिल हैं। इसी तरह दूसरी-तीसरी-चौथी व पांचवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में छंटनी की गई है। हिंदी विषय में पहली से पांचवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में चार-चार पाठ कम किए गए हैं।
महामारी कोरोना के कारण सीबीएसई और हरियाणा बोर्ड दोनों का ही पाठ्यक्रम कम हुआ है। अंग्रेजी की पाठ्यपुस्तक माय बुक ऑफ इंग्लिश से भी पहली से पांचवीं तक चार-चार पाठ इस शैक्षणिक सत्र में कम कर दिए गए हैं। सामाजिक परिवेश के बारे में विद्यार्थियों को सिखाने वाली पुस्तक परिवेश अध्ययन से सबसे अधिक पाठ इस वर्ष के शैक्षणिक सत्र से निकाल दिए गए हैं। हरियाणा में कोरोना का प्रहार लगातार बढ़ता जा रहा है।