नमस्कार! मैं स्मार्ट सिटी फरीदाबाद। आज मैं काफी खुश हूँ जानते हैं क्यों ? मेरी इस खुशी का कारण है राज की शिक्षा प्रणाली। हाँ हाँ जानता हूँ कि आप लोगों को शिक्षा प्रणाली में कार्यरत साहिबान का काम कुछ खास पसंद नहीं है।
पर आज जो खबर मैं आपको दुंगा उसके बाद शायद आप भी इन सभी शिक्षा अधिकारियों की तारीफ में पुल बाँधने लगे। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि ऐसी एक नीति नहीं तीन तीन नीतियां हैं जिनसे हरियाणा राज्य में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को लाभ मिलने वाला है।
अगर सबसे पहली नीति की बात करू तो वो है सरकार द्वारा कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया को शुरू करना। यह फैसला उन सभी छात्रों के लिए काफी लाभकारी है जिन्होंने इसी वर्ष अपनी 12 कक्षा के एग्जाम पास किये हैं।
महामारी के दौर में सभी छात्र अपने करियर को लेकर काफी चिंतित थे। हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए इस फैसले ने उन्हें राहत पहुंचाई है। सरकार की दूसरी नीति ने मुझे उनपर गर्व महसूस करने का अनुभव प्रदान किया है। जानते हैं क्यों? मेरे राज्य की सरकार ने दिव्यांग छात्रों की सुविधा के लिए मिस कॉल सेवा भी निकाली है।
इसमें जो छात्र शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है उनके लिए कुछ नंबर निकाले जाएंगे। इन सभी नंबरों पर मिस कॉल देकर दिव्यांग छात्र घर पर बैठे बैठे ही एडमिशन पा सकेंगे। साथ ही साथ आपको बता दूँ कि हरियाणा सरकार ऐसी पहली सरकार है जिसने महामारी के दौरान दिव्यांग छात्रों के बारे में सोचकर शिक्षा नीति का गठन किया है।
तीसरी और सबसे बहेतर खबर है क्षेत्र के सभी राजकीय विद्यालयों को संस्कृति केंद्र में परिवर्तित करना। इन सभी सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी का परिचलन होने से बच्चों को लाभ मिल सकेगा। मुझे पता है कि इन मासूम बच्चों से इनके माँ बाप के सपने जुड़े हैं।
ये बच्चे भी चाहते हैं कि ये मेज और कुर्सी बैठकर पढ़े और ताबड़ तोड़ अंग्रेजी बोल सकें। अब उन सभी बच्चों के सपने पूरे होने वाले हैं। मेरे निजाम के तोहफे के लिए उन्हें शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ। उम्मीद करता हूँ कि इन नीतियों को बहेतर रूप से चलाया जा सके।