फरीदाबाद में इकोग्रीन गीला और सूखा कचरा नहीं कर पा रही है अलग, हो रहा यह नुक्सान

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कूड़े के निस्तारण के लिए नगर निगम फरीदाबाद द्वारा नियुक्त इकोग्रीन तीन वर्षों से अधिक समय में भी गीला व सूखा कचरा अलग -अलग करके एकत्र नहीं कर पा रही है। गीला और सूखा कचरा दोनों ही सेहत और प्रकृति के लिए हानिकारक होते हैं। कुछ समय पहले दुकान, प्रतिष्ठान, होटल ही नहीं आवासीय इलाकों में हर घर में नीला एवं हरा रंग का दो डस्टबिन रखना अनिवार्य हो गया था।

फरीदाबाद से रोज़ाना हज़ारों टन कूड़ा निकलता है। सरकार ने कुछ समय पहले रूल बनाया था कि दो डस्टबिन नहीं रखने पर एक सौ रुपए जुर्माना लगेगा। यह सब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के तहत होना था।

फरीदाबाद में इकोग्रीन गीला और सूखा कचरा नहीं कर पा रही है अलग, हो रहा यह नुक्सान

हम सभी को घर के साथ – साथ आस पास की सफाई का ध्यान भी रखना चाहिए। घरों में रहने वाले परिवार दो डस्टबीनों में गीला एवं सूखा कचरा अलग अलग रखेंगे सरकार का यह आदेश था , उन कचरों को डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले स्वच्छता मित्र या एजेंसी ले जाएंगे।

फरीदाबाद में इकोग्रीन गीला और सूखा कचरा नहीं कर पा रही है अलग, हो रहा यह नुक्सान

महामारी कोरोना ने हमें सीखा दिया है कि प्रकृति को हानि पहुँचाना हमारी सबसे बड़ी गलती है। हरा डस्टबिन में गीला कचरा, जिसमें रसोई का कचरा, फल के छिलके, सड़े फल, सब्जी, बचा भोजन, अंडे के छिलके आदि को डालना और नीला डस्टबिन में प्लास्टिक, , बोतलें, कागज कप, प्लेट, पैकेट अखबार, डिब्बे, बॉक्स, पुराने कपड़े आदि को डालना सरकार का आदेश था।

फरीदाबाद में इकोग्रीन गीला और सूखा कचरा नहीं कर पा रही है अलग, हो रहा यह नुक्सान

फरीदाबाद में गीला और सूखा कचरा हर एकत्र नहीं हो पा रहा है तो इस अव्यवस्था के लिए कुछ लोग जिम्मेदार हैं तो कुछ नगर निगम की व्यवस्था। सबसे पहले लोग घरों में गीले व सूखे कचरे को अलग नहीं करते। एक ही डस्टबिन में डाल देते हैं। जब डोर टू डोर कूड़ा-कचरा उठाने के लिए नगर निगम का वाहन पहुंचता है तो उसमें भी कोई पार्टिशियन नहीं होता कि गीला और सूखा कूड़ा अलग किया जाए। प्लांट तक यह कूड़ा बिना कवर हुए जाता है।