हरित प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय स्थिरता विषय एक फैकल्टी डेवलेपमेंट कार्यक्रम का शुभारंभ

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जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में ‘हरित प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय स्थिरता’ विषय एक सप्ताह का फैकल्टी डेवलेपमेंट कार्यक्रम आज प्रारंभ हो गया। टीईक्यूआईपी-3 के अंतर्गत प्रायोजित इस कार्यक्रम में देश के 18 राज्यों से करीब 200 प्रतिभागी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर हिस्सा ले रहे हैं।
कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तावित नीले आसमान लिए प्रथम अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस को चिह्नित करते हुए किया, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य,

हरित प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय स्थिरता विषय एक फैकल्टी डेवलेपमेंट कार्यक्रम का शुभारंभ

जीवन और पर्यावरण के लिए शुद्ध वायु के महत्व को लेकर जागरूकता लाना है।
कार्यक्रम का समन्वय सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. एम.एल. अग्रवाल और पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्षा डॉ. रेनूका गुप्ता द्वारा किया जा रहा है।


इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने स्वच्छ और हरित पर्यावरण के महत्व को रेखांकित किया। कोरोना महामारी के प्रभाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के सभी नकारात्मक प्रभावों के अलावा इस महामारी ने हमें प्रकृति के महत्व को महसूस करने का अवसर भी दिया है।

हरित प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय स्थिरता विषय एक फैकल्टी डेवलेपमेंट कार्यक्रम का शुभारंभ

लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रदूषण के स्तर में कमी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि फरीदाबाद ने 50-100 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया है जो महामारी से पहले 400-600 था।

उन्होंने इस सूचकांक स्तर को बनाए रखने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया और विद्यार्थियों से पर्यावरण को बनाये रखने के लिए पेड़ लगाने का आह्वान किया।


पर्यावरण विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. रेनूका गुप्ता ने कार्यक्रम के प्रमुख विषय पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम को विभिन्न विशेषज्ञता के अंत:विषय विषयों में काम करने वाले संकाय सदस्यों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है

हरित प्रौद्योगिकी और पर्यावरणीय स्थिरता विषय एक फैकल्टी डेवलेपमेंट कार्यक्रम का शुभारंभ

और कार्यक्रम में विदेशी युनिवर्सिटीज सहित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के अलावा पर्यावरण प्रबंधन के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले गैर सरकारी संगठनों और कॉर्पोरेट क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपने व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।