सुलभ शौचालय छोड़कर सड़क किनारे हल्के होते हैं फरीदाबाद वासी : मैं हूँ फरीदाबाद

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नमस्कार! मैं फरीदाबाद आज आप सबको सलाम करने आया हूँ। जानते हैं क्यों ? क्यों की आप ने अभी तक अपनी दुम को सीधा नहीं किया है। प्राचीन काल से जो आपकी सड़क किनारे हल्के होने की आदत है वो अभी तक नहीं गई।

आज आपको कुछ याद दिलाना चाहता हूँ। ये बताना चाहता हूँ कि आपके शहर में भी सुलभ शौचालय की सुविधा उपलब्ध है तो सड़क किनारे झाड़ियों को गन्दा करने की ज़ेहमत न उठाएं। आप लोगों की बदौलत मेरी खूबसूरती पर चार चाँद लग जाते हैं।

सुलभ शौचालय छोड़कर सड़क किनारे हल्के होते हैं फरीदाबाद वासी : मैं हूँ फरीदाबाद

आप लोगों के कारण मेरी सड़कों पर कूड़ा फैला रहता है। जगह जगह गंदगी का अम्बार लगा रहता है। जब आपके घरों में से निकली हुई पॉलीथिन सड़क किनारे फेंकी जाती है तब मेरा सीना गदगद हो जाता है। आपकी मेहरबानी है मुझपर जो आप बिना हिचक के ताबड़ तोड़ तरीके से कूड़ा फैलाते हैं।

सुलभ शौचालय छोड़कर सड़क किनारे हल्के होते हैं फरीदाबाद वासी : मैं हूँ फरीदाबाद

बस चालक, ऑटो चालक, रिक्शे वाले यहां तक की बड़ी बड़ी कंपनियों में काम करने वाले अफसर सब सड़क किनारे हल्का होना मुनासिब समझते हैं। अब वो भी क्या करें उनके ज़ेहन में तो बिमारी फैलने का डर है। अरे भई पब्लिक टॉयलेट्स में तो गंदगी होती है।

न जाने कितने लोग उसका इस्तेमाल करते होंगे। इसी डर से मेरे शहर की जनता सड़क किनारे ढीली हो जाती है। पर अब जाग जाइये। आप लोगों को आदत हो चुकी है प्रशासन के पीछे पड़ने की। अब आपकी बारी है यह समझने की, कि बदलाव जरूरी है।

सुलभ शौचालय छोड़कर सड़क किनारे हल्के होते हैं फरीदाबाद वासी : मैं हूँ फरीदाबाद

जब सुलभ शौचालय है तो उसका प्रयोग करिये। आपको डर है कि शायद यह शौचालय साफ़ नहीं किये जाते पर यह गलत फहमी है। इस शहर के शौचालय साफ़ सफाई से सराबोर हैं बस अब आपका बदलना जरूरी है। कल मैंने देखा कि सुलभ शौचालय से महज़ कुछ मील की दूरी पर लोग गंदगी फैला रहे हैं। पर उन बेवकूफों की समझ में यह बात नहीं आई कि अगर वो शौच के लिए इन शौचालयों का प्रयोग करेंगे तो मैं साफ रह सकुंगा। मैं यह बात भी बताना चाहता हूँ कि किसी भी शौचालय में शुल्क नहीं लिया जाता। इससे आपकी आय में भी कोई बदलाव नहीं आएगा।