मुरथल में एक सप्ताह बाद ढाबे खुले, लौटने लगी रौनक, इन नियमों का रखना होगा ध्यान

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    महामारी कोरोना का प्रकोप हर जगह लगातार बढ़ता जा रहा है। हरियाणा में कोरोना का ग्राफ तेज़ी से बढ़ रहा है। देशभर में मशहूर मुरथल के ढाबों पर काफी संख्या में कर्मियों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद सील किए गए ढाबों को दोबारा से खोल दिया गया है। जिससे यहां की रौनक दोबारा से लौटने लगी है। प्रशासन ने इस बार साफ कर दिया है कि 27 नियमों का पालन सभी को करना होगा।

    कोरोना वायरस जिस प्रकार अपनी जड़ो को मजबूत कर चुका है उस से हमें सतर्क रहना चाहिए। मुरथल में प्रत्येक 15 दिनों में कोरोना जांच के लिए कर्मियों के सैंपल लिए जाएंगे। किसी जगह नियमों को उल्लंघन मिलता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

    मुरथल में एक सप्ताह बाद ढाबे खुले, लौटने लगी रौनक, इन नियमों का रखना होगा ध्यान

    मुरथल के ढाबें दिल्ली समेत देश में विख्यात हैं। यहां पर थाना क्षेत्रों के आधार पर टीमें बना दी गई हैं, जो रोजाना निरीक्षण करके रिपोर्ट डीसी को देगी। वहीं सुखदेव ढाबा अभी बंद रहेगा, क्योंकि वहां कुछ काम कराया जा रहा है। देशभर में मशहूर मुरथल के ढाबों पर लॉकडाउन खुलने के बाद से नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। वहां सोशल डिस्टेंसिंग तक का ध्यान नहीं रखा जा रहा था। यहां तक कि उनके कर्मी मास्क तक नहीं लगा रहे थे।

    मुरथल में एक सप्ताह बाद ढाबे खुले, लौटने लगी रौनक, इन नियमों का रखना होगा ध्यान

    सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा था जिसका खामियाज़ा इनको भुगतना पड़ा। इस बात की लगातार शिकायत होने के बावजूद भी अफसर केवल चेतावनी देकर खानापूर्ति कर रहे थे। जिसके बाद कोरोना जांच कराने पर सुखदेव ढाबे पर 71 व गरम-धरम ढाबे पर 10 कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद हड़कंप मच गया था। जिसके बाद दोनों ढाबों को सील कर नोटिस दिया गया था।

    मुरथल में एक सप्ताह बाद ढाबे खुले, लौटने लगी रौनक, इन नियमों का रखना होगा ध्यान

    कोरोना वायरस को हराया जा सकता है यदि हम सतर्कता दिखाएँ। आपको बता दें ढाबों के लिए एक नियम तय कर दिए गए हैं और उन नियमों का पालन ढाबा संचालकों को करना होगा। 27 नियमों की लिस्ट ढाबा संचालकों को सौंपी गई है। इन 27 नियमों में सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मास्क व सैनेटाइज किए जाने तक के नियम शामिल हैं। इसके साथ ही साफ कर दिया गया है कि ढाबों व होटलों के कर्मियों की हर 15 दिन में सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी।