Categories: Trending

सरकार की नई शर्त के बाद हरियाणा के करीब 15 लाख मकान मालिक नहीं बेच पाएंगे अपना घर

हरियाणा बढ़ते रजिस्ट्री घोटाले और भ्रष्टाचार के बाद हरियाणा सरकार ने रजिस्ट्री के नियम लागू किए थे। अब इसके बाद करीब 15 लाख लोग नियंत्रित क्षेत्र (कंट्रोल एरिया) के गांवों में लालडोरा से बाहर बने अपने घर-दुकानें नहीं बेच पाएंगे। सरकार द्वारा बनाए गए नए नियमों में यह अधिकार छीन लिया है।

इससे पहले बने हुए मकानों की रजिस्ट्री प्लाटों के लिए निर्धारित कलेक्टर रेट पर हो रही थी। वहीं कभी कृषि भूमि को निर्मित मकान दिखाकर रजिस्ट्री की गई तो कभी आबादी के बीच के बड़े आवासीय प्लाट को स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए कृषि भूमि दर्शाया गया, मगर अब सिस्टम दुरुस्त करने के नाम पर लाखों लोगों को संपत्ति बेचने के अधिकार से ही वंचित कर दिया गया है।

प्रापर्टी डीलरों व भूमाफिया के चुंगल में फंसकर अनधिकृत प्लाट खरीदे गए

सरकार के पुराने नियमों के अनुसार जिन्होंने बिना एनओसी एक हजार वर्ग गज या इससे अधिक कृषि भूमि खरीदी थी, उसकी खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध नहीं रहेगा। ऐसी कृषि भूमि के लिए बिना बाधा एनओसी मिलेगी। कृषि भूमि के मामले में किसी का हिस्सा इससे कम है

तो उसे भी चिंता की जरूरत नहीं है, मगर लालडोरा के बाहर हुए निर्माण के लिए न डीटीपी से एनओसी मिलेगी न तहसील से सीधी रजिस्ट्री होगी। इनमें अधिकांश ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पिछले कुछ दशकों के दौरान प्रापर्टी डीलरों व भूमाफिया के चुंगल में फंसकर अनधिकृत प्लाट खरीदे थे।

क्या है फिरनी और अंग्रेजो का लालडोरा

लालडोरा अंग्रेजों के जमाने का है। गांवों में इसे फिरनी कहते हैं। नियंत्रित क्षेत्र का शायद ही कोई गांव ऐसा है, जहां लालडोरा से बाहर कृषि भूमि में मकान नहीं बने हैं। शहर से सटे गांवों में तो दूसरे राज्यों के लोगों ने भी मकान बनाए हुए हैं।

नए नियमों के बाद अगर उत्तर प्रदेश का कोई व्यक्ति अपना घर बेचकर जाना चाहे तो ऐसा संभव नहीं रहा। हरियाणा अस्तित्व में आने के बाद शहरों में सैकड़ों अनधिकृत काॅॅलोनियां नियमित हुई, मगर गांवों में लालडोरा के बाहर बना एक भी घर नियमित नहीं हुआ।

मनोहर सरकार का साफ्टवेयर नहीं दे रहा रजिस्ट्री की अनुमति

सरकार लालडोरा खत्म करने की अच्छी पहल कर चुकी है, मगर लालडोरा के बाहर बने लाखों मकानों की रजिस्ट्री का अधिकार छीना जाना आम लोगों की मुसीबत बढ़ाने वाला और बिल्डरों पर मेहरबानी करने वाला माना जा रहा है। अधिकांश गांवों में लालडोरा के बाहर की कालोनियों में सरकारी खर्च पर शानदार सड़कें हैं,

मगर मनोहर सरकार का साफ्टवेयर रजिस्ट्री की अनुमति नहीं दे रहा। नाम न छापने की शर्त पर नगर एवं आयोजना व राजस्व विभाग के कई अधिकारी इस खामी को स्वीकार कर रहे हैं। पिछले दिनों रेवाड़ी आए उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सात दिन में समस्याओं के समाधान का वादा किया था, मगर अभी कई समस्याएं बरकरार है।

वही बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता वीर कुमार यादव का कहना है कि मैने कई वरिष्ठ अधिकारियों से वस्तुस्थिति की जानकारी ली है। बने हुए मकानों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है। कुछ तकनीकी समस्याएं है, जो दूर हो जाएगी। अब तो डीटीपी कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत भी नहीं है।

सीटीपी हरियाणा की वेबसाइट पर जाकर एनओसी ली जा सकती है। मनोहर सरकार की मंशा अवैध कालोनियां विकसित होने से रोकने की है, बने हुए मकानों व आबादी क्षेत्र के भूखंडों की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध की नहीं है। इसका कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

भाजपा के जुमले इस चुनाव में नहीं चल रहे हैं: NIT विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री…

2 days ago

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

2 months ago

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…

2 months ago