बिना सीएम को सूचित किए धरने पर बैठ गए अंबाला के विधायक, अधिकारी ने टिप्पणी करने से भी किया मना

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मंडियों में चल रही अव्यवस्था के सुधार के लिए बीजेपी विधायक असीम गोयल जो कि अंबाला के विधायक हैं। वह आज खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कुछ अधिकारी के खिलाफ सांकेतिक धरने पर बैठ गए। इस मौके पर उन्होंने अधिकारी को चेताया और मंडी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कहा।

चेतावनी देने के कुछ समय बाद असीम गोयल उठ गए। उन्होंने कहा कि सोमवार तक मंडियों में व्यवस्था का सुधार नहीं हुआ तो किसानो को लेकर चंडीगढ़ में एक बड़ा मोर्चा खोला जाएगा।

बिना सीएम को सूचित किए धरने पर बैठ गए अंबाला के विधायक, अधिकारी ने टिप्पणी करने से भी किया मना

वहीं खाद आपूर्ति विभाग के ACS पी.के. दास ने दी जानकारी असीम गोयल रूलिंग पार्टी के है एमएलए है। उन्होंने कहा पहली बार है जब सीएम से बात न करके, कोई विधायक धरने पर बैठा गया हो। उन्होंने कहा मै इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।

दास ने कहा कि सरकार द्वारा खरीद के लिए उचित व्यवस्था की गई है और खरीद ठीक प्रकार से हो रही है । असीम गोयल का यह राजनीती कार्यकलाप है। इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।

गौरतलब, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के बाद से ही देशभर में सरकार के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। इतना ही नहीं विपक्षी पार्टी द्वारा भी केंद्र सरकार के इस अध्यादेश का जमकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

वही बीजेपी के विधायक स्वयं किसानों के हित में खड़े होने की बात कर रहे हैं, इतना ही नहीं मंडियों के दूरस्थ व्यवस्था के लिए धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

इस तरह की राजनीति यह दर्शाती है कि केंद्र और राज्य में बीजेपी सरकार होने के बाद भी विधायक को इस तरह धरना प्रदर्शन कर अपनी बात मनवानी पड़ रही है, तो जनता के हित के कार्यों के लिए विधायकों कितने पापड़ बेलने पड़ सकते हैं।

वही अधिकारी की मानें तो पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी विधायक को बिना सीएम को सूचित किए इस तरह धरना प्रदर्शन कर अपनी बात मनवाने पड़ रही है तो इसे ही राजनीति ना कहकर और क्या कह सकते हैं?