हरियाणा के मुख्यमंत्री के जन्मदिवस पर जानिए उनके कार्यों और संघर्षों से जुड़ी एक श्रृंखला

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5 मई 1954 को निंदाना गाँव, महम तहसील, रोहतक जिला, पंजाब (वर्तमान हरियाणा) में जन्में हरियाणा के मुख्यंत्री मनोहर लाल खट्टर आज अपना 67 वां जन्मदिवस मना रहें हैं। आज हमारा यह लेख माननीय मुख्यमंत्री के जीवनी पर है जहां आपको उनकी जीवन से जुड़ी हर एक अहम पहल का वर्णन होगा।

उन्होंने एक बार गोमांस के मुद्दे पर टिप्पणी की थी जिसकी वजह से उनकी काफी आलोचना हुई थी, उन्होंने लिखा था कि “मुसलमान भारत में रह सकते हैं, लेकिन उन्हें गोमांस खाना बंद करना होगा”। इस बयान के बाद भाजपा पार्टी ने तत्काल कहा कि ‘पार्टी के साथ इसका कोई लेना-देना नहीं है और यह उनका व्यक्तिगत विचार है।’ अपने बयान के 24 घंटों के भीतर उन्होंने अपना बयान बदल लिया, और उन्होंने कहा कि मैं लोगों की भावनाओं को चोट नहीं पहुंचना चाहता और मैं इसके लिए माफी चाहता हूं।’

चुनावी यात्रा

वर्ष 1977 में, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य बने और फिर फिर वर्ष 1994 में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य बने।

वर्ष 1947 भारत पाकिस्तान विभाजन के दौरान उनका परिवार पाकिस्तान के झांग जिले से स्थानांतरित होकर हरियाणा में आ गया।
जब वह दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई किया करते थे तो वह सदर बाजार के पास एक कपड़ों की दुकान चलाते थे।

26 अक्टूबर 2014 को उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की, और वह भारतीय जनता पार्टी कि तरफ से हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री बने।

उन्होंने एक बार गोमांस के मुद्दे पर टिप्पणी की थी जिसकी वजह से उनकी काफी आलोचना हुई थी

एक समय में पसीना बहा साईकिल पर सब्जी बेचते थे सीएम

पांच भाइयों में सबसे बड़े मनोहर लाल को शुरू से ही जल्दी उठने की आदत थी। वे ना केवल खुद जल्दी उठते थे बल्कि, सभी भाइयों को भी उठाकर खेत में ले जाते थे। बताया जाता है वे खेत से सब्जियां इकट्ठा कर साइकिल से रोहतक मंडी में बेचने भी जाते थे।

उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई पंडित नेकी राम शर्मा गवर्नमेंट कॉलेज से की। पढ़ाई पूरी करने के बाद हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे घरवालों से पैसे उधार लेकर दिल्ली चले आए और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी कर मेडिकल की तैयारी करने लगे। तभी उन्होंनें दुकान चलाने की सोची और दिल्ली के सदर मार्केट में कपड़ों की दुकान पर खोल ली।

खेती से भी खट्टर का जुड़ाव
सीएम खट्टर के पिता हरबंसलाल भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के वक्त 1947 में अपने पिता के साथ रोहतक आ गए थे। फैमिली की फाइनेंशियल कंडीशन ठीक ना होने के कारण उनके पिता और दादा को शुरुआती दिनों में मजदूरी भी करनी पड़ी थी। कुछ पैसे इक्कठा करके उनके पिता ने गांव में खेती की जमीन खरीदी और खेती करने लगे। सीएम बनने से पहले ही खट्टर अपने पिता के साथ जमीन पर खेती करते थे।

मुख्यमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर सभी देश वासियो की तरफ से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं

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