इन देशों में क्यों होता है ऐसा, जानकर आप रह जाएंगे हैरान। दरअसल कुछ देशों की अपनी खुद की ही पॉलिसी होती है। ज़्यादातर देखा जाता है कि जिन देशों को लगता है कि उन्हीं की जनता, अपनी ही सरकार की मुखालफत करने लगी है।
तब सरकार को ये लगने लगता है कि कहीं ऐसा ना हो कि सरकार की किरकिरी होने लगे इसलिए सरकार कोशिश करती है कि कुछ ऐसा ही कर दिया जाए जिससे सरकार को कोई स्पष्टीकरण ना देना पड़े और ना ही उससे कोई सवाल करे इसलिए भी कुछ देश ऐसा करते हैं और कुछ देश गूगल जैसी साइट को अपने देश में इसलिए भी बैन रखते हैं
जिससे मूल्क के लोगों को अन्य देशों की चीज़ों के बारे में कुछ पता ही ना चल सके और इस तरह से देश के नागरिक सिर्फ देश के ही बने रहे खैर वजह तो और भी कई हैं और ये सभी वजह अलग-अलग देशों की अपनी अलग-अलग ही हैं।
अब ऐसे देश कौन से हैं बताते हैं और वहां किन चीज़ों पर प्रतिबंध है ये भी बताते हैं, गूगल पर प्रतिबंध है चीन में, दरअसल साल 2009 से गूगल पर रोक लगी है यहाँ की सरकार का मानना है कि ये एक अमरीकन कम्पनी है और चीन की ख़ुफ़िया जानकारी अमेरिका को भेजती है।
च्युइंगम पर प्रतिबंध है सिंगापूर में, च्युंगम चबाने पर गिरफ्तार कर लिया जाता है यहां पर च्यूइंग गम का प्रयोग केवल चिकित्सा के रुप में होता है।
नीली जींस को पहनने पर रोक है उत्तर कोरिया में, यहां 2016 के बाद से नीली जींस पहनना अपराध की श्रेणी में आता है क्योंकि उत्तर कोरिया में इसे पश्चिमी सभ्यता का प्रतीक समझा जाता है हालाँकि विदेशी पर्यटक इसे पहन सकते है
रेडियो प्रसारण पर प्रतिबंध है नॉर्वे में, बतादें कि 2017 से नॉर्वे में रेडियों की एनालॉग फ्रिक्वेंसी पर रोक लगी है, क्योंकि नॉर्वे की सरकार चाहती है कि उसके नागरिक डिजिटल रेडियो का इस्तेमाल करें।