नमस्कार! मैं हूँ फरीदाबाद और आप सभी से माफ़ी चाहूंगा कि इतने विलम्भ के बाद आपसे रूबरू हो रहा हूँ। पर आज जिस मुद्दे के साथ आप सभी के बीच आया हूँ वो मुद्दा मेरे लिए काफी बड़ा है। मैंने सुना था कि रिश्ते काफी उलझे हुए होते हैं पर मैं कहता हूँ कि मेरे क्षेत्र की तारों से ज्यादा उलझा हुआ इस समय पर कुछ नहीं है।
हर मुंडेरे पर खड़े होकर आप बिजली की तारों को एक दुसरे से लिपटा हुआ पा सकते हैं। आलम यह है कि जिस दिवार पर इन तारों ने अपना डेरा डाला होता है वो दिवार दिखना ही बंद हो जाती है। बात करूँ बिजली निगम की तो उसके हाल भी नगर निगम जैसे ही हैं।
मेरे क्षेत्र में मौजूद यह दोनों निगम एक कथन की पराकाष्ठा बनते जा रहे हैं जो कहता है कि चोर चोर मौसेरे भाई। अरे बिजली निगम तो इतना बेशर्म हो गया है कि नंगी तारों को तन ढकने के लिए कोई जद्दोजहद नहीं कर पा रहा है। यही कारण है कि मेरे क्षेत्र में काफी समय से लोगों की मौत की घटना भी सामने आ रही है।
एक बच्चा, एक नौजवान और एक लड़की जिसकी आँखों में आगे बढ़ने और कुछ करने के सपने थे अब वो हमारे बीच नहीं हैं। इसका कारण सिर्फ यह बिजली के झटके हैं जो पूरे क्षेत्र में त्राहिमाम मचा रहे हैं। ये बिजली निगम इतना बेगैरत और लापरवाह हो चुका कि अपनी गलतियों को सुधारने से पहले जनता की जान को आफत कर रहा है।
कह रहा है कि जनता को छज्जे पीछे करने की जरूरत है। हां मैं जानता हूँ कि यह जरूरी है पर बिजली निगम ने खुद से क्या सावधानी बरती है क्या यह बड़ा सवाल नहीं ? जब बिजली की तारें औंधे मुँह सड़कों पर लटकी रहती हैं तब उनसे जान का खतरा नहीं होता ? जब कोई नंगी तार किसी के घर के सामने से गुजरती है क्या उससे लोगों की जान पर नहीं बन आती ?
अरे वह रे मेरे बिजली नगम झटके देने में तो आप माहिर हैं तभी तो लोगों के घरों में एक साथ लाखों का बिल भिजवा देते हैं। शिकायत आप सुनते नहीं और जवाब आपको देना नहीं आता। जरूरी है कि आप खुद में सुधार लाएं वरना काले चिट्ठों की पोल खुलना मेरे लिए कोई नई बात नहीं है।