जनता को रास नहीं आ रहा पुलिस का नरम लहजा, सर-मैडम बोलने पर भी सुन रहे हैं खरी खोटी : मैं हूँ फरीदाबाद

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नमस्कार! मैं हूँ फरीदाबाद और आज मैं स्मार्ट सिटी की आवाम को आइना दिखाने आया हूँ। कुछ दिन पहले क्षेत्र के पुलिस प्रशासन द्वारा एक फरमान निकाला गया था जो कहता है कि हर पुलिसकर्मी को अब से अपना लहज़ा नरम रखना होगा।

आम आवाम की शिकायत रहती थी कि पुलिस प्रणाली उनसे अच्छे से बात नहीं करती। चालान काटते समय क्षेत्र के पुलिसकर्मी कठोर वाणी का प्रयोग किया करते थे जिससे जनता के ज़हन में उनकी छवि खराब हो रही थी। ऐसे में पुलिस आयुक्त ने एक फरमान निकाला कि अब हर पुलिसकर्मी क्षेत्र की आवाम को सर और मैम कहकर संबोधित करेगा।

जनता को रास नहीं आ रहा पुलिस का नरम लहजा, सर-मैडम बोलने पर भी सुन रहे हैं खरी खोटी : मैं हूँ फरीदाबाद

मेरे क्षेत्र में काम करने वाले पुलिस कर्मी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि हर किसी को सम्मान दे। चालान काटते समय भी इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि हर किसी को सर और मैम कहकर संबोधित किया जाए। पर मेरी जनता की दुम सीधी नहीं हो पा रही।

जनता को रास नहीं आ रहा पुलिस का नरम लहजा, सर-मैडम बोलने पर भी सुन रहे हैं खरी खोटी : मैं हूँ फरीदाबाद

पुलिसकर्मियों के नरम स्वभाव का फरीदाबाद में गलत तरीके से फायदा उठाया जा रहा है। मैं जानता हूँ कि यह कहना गलत होगा कि फरीदाबाद की आवाम पूरी तरह से पुलिस प्रशासन की नाफरमानी कर रही है।

पर कुछ असामजिक तत्व हैं जिन्होंने पुलिसकर्मियों की नाक में दम कर रखा है। न यह लोग नियमों का पालन करते हैं और न ही पुलिसकर्मियों को इज्जत बक्शते हैं जिसके वह असल हकदार हैं।

जनता को रास नहीं आ रहा पुलिस का नरम लहजा, सर-मैडम बोलने पर भी सुन रहे हैं खरी खोटी : मैं हूँ फरीदाबाद

अपने क्षेत्र की ही बात करूँ तो कुछ दिन पहले एक खबर आई थी कि कैसे मेरे प्रांगण में मौजूद एक नागरिक ने पुलिसकर्मियों के साथ बदसुलूकी की थी। अगर आपको बदसुलूकी का कारण पता लगेगा तो शायद आप वजग जान कर उसका परिहास करने लगेंगे।

जनता को रास नहीं आ रहा पुलिस का नरम लहजा, सर-मैडम बोलने पर भी सुन रहे हैं खरी खोटी : मैं हूँ फरीदाबाद

जब एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने एक वाहनचालक से सीट बेल्ट लगाने की गुजारिश की तो वाहन चालक पुलिसकर्मी से ही भिड़ने लगा। जब पुलिसकर्मी ने कहा कि 1000 रूपये का चालान कटेगा तो उस वाहन चालक ने चालान कटवा लिया।

पर कुछ समय बाद वह व्यक्ति पुनः पुलिसकर्मी के पास वापस आया और काटे हुए चालान के पैसे वापस मांगने लगा। पर सोचने वाली बात यह है कि जब पुलिस ने नरम लहजा अपनाया हुआ है तो क्षेत्र की जनता क्यों बिगड़ रही है। जरूरत है यह समझने की क्षेत्र की जो जनता की निरंतर रूप से सेवा कर रहा है उसका सम्मान करना अनिवार्य है।