युवती द्वारा आत्महत्या करने के मामले में शनिवार देर रात को राजेंद्रा पार्क थाने में परिजनों की शिकायत पर फरीदाबाद पुलिस में तैनात एसआई राजेश सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।
मृतका के परिजनों का आरोप है कि फरीदाबाद पुलिस की बर्बरता के कारण उसने खुदकुशी की। पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 306, 323 और 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। रविवार को महिला के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिवार वालों को सौंप दिया गया। परिवार वालों ने रविवार दोपहर शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर दीपक माथुर ने बताया कि महिला आशा के शरीर पर तीन से चार जगह चोट के निशान थे। शव का बिसरा जांच के लिए लैब में भेजा गया।
राजेंद्रा पार्क थाना प्रभारी ने बताया कि शनिवार रात को आत्महत्या के लिए उकसाने सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया। जल्द फरीदाबाद पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जाएगी। और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
युवती आशा के जीजा संदीप ने आरोप लगाते हुए कहा कि फरीदाबाद पुलिस समझौता करने के लिए दबाव बना रही है। उन्होने बताया कि शनिवार रात को जब वह मेदांता अस्पताल में थे। उस दौरान फरीदाबाद पुलिस के बड़े अधिकारी उनके गांव बेगमपुर खटौला पहुंचे थे।
उन पर मामला दर्ज न कराने के लिए दबाव बनाया था। उन्होने बताया कि गुरुवार रात को उनके साले शंकर की तलाश में 12 पुलिसकर्मी आए थे। और चार पुलिसकर्मी रात भर घर के अंदर मौजूद रहे थे।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को बादशाहपुर टी-प्वाइंट से धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार राहुल के साथी शंकर को पकड़ने के लिए गुरुग्राम आई थी। गुरुवार शाम फरीदाबाद पुलिस टीम पर पर हमला कर साथी राहुल को छुड़ाकर ले गए थे।
उसके बाद फरीदाबाद पुलिस छुड़ाकर ले जाने वाले आरोपी शंकर की गिरफ्तारी के लिए दबिश देने उसके घर पहुंची थी। परिवार वालों का आरोप है कि शंकर के घर पर न मिलने के कारण पुलिसकर्मियों ने शंकर की पत्नी नैनतारा और बहन आशा को पीटना शुरू कर दिया और नैनतारा को लेकर पुलिस फरीदाबाद चली गई थी।
आशा के जीजा संदीप को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और बुरी तरह से पीटा था। खुद को पिटने समेत भाभी व जीजा को पुलिस द्वारा पीटने से आशा काफी आहत थी। इस वजह से उसने शनिवार सुबह राजेंद्रा पार्क स्थित अपने घर पर आत्महत्या कर ली।
साइबर धोखाधड़ी के मामले में गुरुग्राम से साइबर थाना पुलिस की टीम पर हमला कर फरार हुए दोनों आरोपियों का सुराग नहीं लगा है। उधर, पुलिस ने आरोपियों में से एक गुरुग्राम निवासी शंकर की बहन को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप को बिल्कुल गलत और निराधार बताया है।
पुलिस का दावा है कि युवती ने किसी निजी वजह से खुदकुशी की होगी। मृतक के परिवार वालों ने पुलिस पर झूठा आरोप लगाया है। पुलिस की जांच में यह सब साफ हो जाएगा। पुलिस का दावा है कि मृतक के परिजन सब-इंस्पेक्टर राजेश पर प्रताड़ित करने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि वह मृतक के घर जाने वाली पुलिस टीम में ही शामिल नहीं थे। वह उस दौरान गुरुग्राम ही नहीं गए थे।