कोविद के कारण जहां करीब साल भर से सैकड़ों छात्र-छात्राएं स्कूल ना जाकर घर बैठे बैठे ऑनलाइन पढ़ाई कर के ऊब चुके है। अब सभी छात्रों का तनाव दूर करने के लिए विशेष कदम उठाए रहे है। दरअसल, ऐसे छात्रों को तनाव से निकालने के लिए डिस्ट्रेस कॉल सेंटर भी शुरू किए गए हैं।
जिसमें खासकर के कालेज के विद्यार्थियों को तनाव से बाहर निकालने और छात्राओं को एनीमिया से बचाने के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग ने दो नई पहल शुरू की हैं।
यह सब करने के लिए नुट्रिटेशन ज्ञान कार्यक्रम के जरिये जहां सरकारी कालेजों में छात्राओं को सर्व पोषित आहार की जानकारी दी जाएगी, वहीं ‘नई दिशा’ के जरिये छात्रों को काउंसिलिंग की सुविधा मिलेगी।
उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अंकुर गुप्ता ने वर्चुअल प्लेटफार्म के जरिये दोनों योजनाओं का शुभांरभ किया। उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक अजित बालाजी जोशी की पहल की सराहना करते हुए उन्होंने नई दिशा डिस्ट्रेस काल सेंटर को और बेहतर करने के लिए कुछ अहम सुझाव भी दिए।
उन्होंने कहा कि जब तक समस्या का समाधान न हो जाए, तब तक विद्यार्थियों और काउंसलर के बीच कोई भी कम्युनिकेशन गैप नहीं रहना चाहुए।
उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक अजित बालाजी जोशी ने कहा कि छात्राओं एवं महिलाओं में एनीमिया की स्थिति ज्यादा गंभीर हो चुकी है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण छात्राएं इस योजना में महत्वपूर्ण भमिका निभा सकती हैं।
वह स्वयं ज्ञान बटोर कर पड़ोस व अपने गांव की महिलाओं को बेहतर पोषित आहार की जानकारी दे सकेंगी। नई दिशा डिस्ट्रेस काल सेंटर के जरिये प्रदेश का कोई भी छात्र अपने तनाव को दूर करने के लिए विशेषज्ञ से सीधे बात कर सकेगा। इसके लिए कई काउंसलरों को साथ जोड़ा गया है।
कोविड-19 की बंदिशों ने विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला और कई विद्यार्थी मनोवैज्ञानिक समस्याओं और मानसिक अवसाद के शिकार हो गए। मानसिक तनाव एवं अवसाद को दूर करने के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग ने निशुल्क हेल्पलाइन नंबर 91-74198-64999 लांच किया है जिसे नई दिशा नाम दिया गया है।
न्यूट्रिशन ज्ञान योजना के तहत छात्राओं को उचित खानपान एवं पोषण के प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही वजन को नियंत्रण में रखने के लिए बाडी मास इंडेक्स के बारे में बताया जाएगा।