गड्ढों में सड़क है या फिर सड़क में गड्ढे, यही सवाल पूछ रहे हैं फ़रीदाबादवासी

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    फरीदाबाद स्मार्ट सिटी अपने आप को कहता है लेकिन उसकी हालत बकवास सिटी जैसी लगती है। ऐसी हमारी नहीं लोगों की सोच है। स्मार्ट सिटी की सड़के समझ कर सरपट भागने की कोशिश जान लेवा हो सकती है। क्योंकि इस नाम से चर्चित इस शहर की सड़कों की हालत वैसी नहीं हैं। कारण गड्ढे में सड़क है, या फिर सड़क में गड्ढे यह पता भी नहीं चलेगा।

    कुछ समय पहले सेक्टर-55 में सड़क हादसों से परेशान होकर यहां पर लोगों ने खुद सड़के ठीक की थीं। ऐसा कोई भी इलाका नहीं होगा जहां टूटी सड़कें आपको नहीं मिलेंगी।

    गड्ढों में सड़क है या फिर सड़क में गड्ढे, यही सवाल पूछ रहे हैं फ़रीदाबादवासी

    फरीदाबाद की सड़कें डेंजर जोन के रूप में मुंह बाए खड़ी है। शहर की हालत ऐसी है कि सड़कों पर कभी सीवरेज का पानी जमा रहता है, तो कभी बारिश का। ऐसे में इन गड्ढों वाली सड़कों की हालत ऐसी बन चुकी है कि सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी। हास्यास्पद तो यह कि ही यह जिला प्रशासन को दिखाई दे रहा है और ही नगर निगम को।

    गड्ढों में सड़क है या फिर सड़क में गड्ढे, यही सवाल पूछ रहे हैं फ़रीदाबादवासी

    सेक्टर का इलाका हो या फिर एनआईटी या फिर ग्रामीण हर जगह टूटी गड्ढो वाली सड़कों की भरमार है। लाखों खर्च कर बनाई इन सड़कों की दशा और दुर्दशा को देखने वाला कोई नहीं है। दिन के समय में तो फिर भी गनीमत है, पर रात का सफर तो बिल्कुल ही नहीं।

    गड्ढों में सड़क है या फिर सड़क में गड्ढे, यही सवाल पूछ रहे हैं फ़रीदाबादवासी

    रात में तो सफर बस वही कर सकता है जिसको अपनी जान प्यारी नहीं। हैरत तो इस बात की है कि शहर के पॉश एरिया की सड़कों की हालत भी ऐसी है। गली कूचे की तो भगवान ही मालिक हैं।