काक कंक लै भुजा उड़ाहीं। एक ते छीनि एक लै खाहीं ।। दोहा ना दोहराए सरकार : नीरज शर्मा

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फरीदाबाद : राजभवन घेराव के प्रोग्राम में कृषि कानूनों का विरोध करने के उपरांत हिरासत में लिए गए कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं, विधायकों और कार्यकर्ताओं को फरीदाबाद एनआईटी 86 के विधायक नीरज शर्मा ने अपनी रामकथा सुनाई।

विधायक नीरज शर्मा ने हिंदी दोहे के माध्यम से अपनी बात रखते हुए कहा, काक कंक लै भुजा उड़ाहीं।

काक कंक लै भुजा उड़ाहीं। एक ते छीनि एक लै खाहीं ।। दोहा ना दोहराए सरकार : नीरज शर्मा

एक ते छीनि एक लै खाहीं॥ जिसका अर्थ होता है कौए और चील भुजाएँ लेकर उड़ते हैं और एक-दूसरे से छीनकर खा जाते हैं।

वहां मौजूदा लोगों ने बड़े इत्मीनान से रामकथा सुनी


रामकथा सुनाने के दौरान नीरज शर्मा ने बताया कि सरकार को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए और ना ही हठ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को रावण की तरह खुद पर घमंड करने की जगह जरूरत है कि वह अपनी जनता की बात सुने क्योंकि जनता जनार्दन होती है, जिन्हें भगवान स्वरूप भी माना जाता है।

उन्होंने कहा जिस तरह मंदोदरी ने रावण को समझाया था कि आप हठ मत करिए और सीता माता को भगवान रामचंद्र को वापस लौटा दीजिए। मंदोदरी की यह बात सुन रावण कहने लगते हैं कि तुम्हें मेरी भुजाओं का ज्ञान नहीं है।

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उन्होंने कहा कि तुम इस बात से कोसों दूर हो कि मेरी भुजाओं में कितनी शक्ति है और मैं कितना बलवान हूं। जिसके बाद मंदोदरी उनकी शक्ति का आभास कराते हुए कहती है कि तुम्हारी यही भुजाएं उस दिन कहां गई थी जब रामचंद्र के भाई लक्ष्मण ने उनकी कुटिया के आगे रेखा खींची थी, जिसे तुम्हारी भुजाएं पार करने में नाकामयाब हो गई थी।

इसके बाद विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि किस तरह रावण का घमंड भगवान रामचंद्र के हाथों चकनाचूर हो गया था। इसलिए उन्होंने कहा कि सरकार का भी घमंड एक न एक दिन जरूर चकनाचूर हो जाएगा।

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रामकथा सुनाने के उपरांत विधायक नीरज शर्मा ने किसान भाइयों के लिए चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इतनी ठंड में जहां सैकड़ों किसानों द्वारा अपने लिए न्याय की गुहार लगाते हुए लगभग डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से सड़क पर रात को गुजर रहे हैं।उनकी हालत देखकर भी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है।

विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि जो किसान अपनी मेहनत और खेतों में फसलें उगा कर पसीना बहाकर आम जनता के लिए अन्न उपलब्ध करवाता है, परंतु आज नौबत यह आ पहुंची है कि हमारे अन्नदाताओं की सुनने वाला कोई नहीं है, और दूसरी तरफ आलम यह है

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कि जो उनके हक के लिए भी किसानों के हमदर्द बन रहे विपक्षी नेताओं की भी नीवं को हिलाने का प्रयास कर रही है। परंतु ऐसा कर पाने में सरकार असमर्थ साबित होगी, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने हमेशा ही अन्नदाताओं का साथ दिया है और आज भी देंगे। चाहे हालात और परिस्थितियां उनके खिलाफ क्यों ना हो जाए।