शिक्षा के क्षेत्र में कैसा होना चाहिए बजट, क्या कहते हैं इस देश के शिक्षक?

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हर वर्ष हमारी सरकार फरवरी की पहली तारीख को देश के बजट की घोषणा करती हैं, जिसमें पूरे वर्ष सरकार क्या काम करेगी और किन किन समस्याओं पर ध्यान देगी उन सभी बातों के बारे में बताया जाता है।

पिछले वर्ष 2020 में सरकार द्वारा 2020-21 के लिए भी बजट की घोषणा की गई थी, लेकिन लॉकडाउन के वजह से सरकार बजट को लागू नहीं कर पाई थी। ऐसे में अब फिर से बजट को लेकर लोगो में उत्साह देखा जा रहा हैं, सब की नज़र अब बजट में टिकी हुई हैं कि सरकार इस लॉकडॉन की वजह से आर्थिक तंगी से लड़ने के लिए क्या नए प्रावधान लेकर आएगी और आमआदमी को इस मंदी के माहौल से राहत मिलेगी।

शिक्षा के क्षेत्र में कैसा होना चाहिए बजट, क्या कहते हैं इस देश के शिक्षक?

लॉकडाउन के वजह से देश में बिरोजगारी बढ़ती जा रही हैं, बहुत लोगों को अपनी नौकरी से हाथ भी धोना पड़ा हैं। ऐसे में शिक्षा को लेकर क्या नए प्रावधान लेकर आए जाए जिससे कि नए बच्चों को नौकरी मिलने पर आसानी हो और उनके भविष्य सुरक्षित हो इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार से इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एक अच्छे बजट की उम्मीद की जा रही हैं।

किसी भी देश के विकास के लिए शिक्षा का एक विशेष महत्व होता हैं और शिक्षक देश के विकास में एक अहम भूमिका निभाते हैं। शिक्षक देश का भविष्य तैयार करते हैं और उसे प्रगति की ओर ले जाते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में कैसा होना चाहिए बजट, क्या कहते हैं इस देश के शिक्षक?
एमराल्ड कान्वेंट स्कूल के अध्यापक प्रियांश और अध्यापिका दिव्या

इसमें शिक्षक सरकार से शिक्षा के क्षेत्र में कैसा बजट के चाहते हैं उसके लिए हमने फरीदाबाद के एमराल्ड कान्वेंट स्कूल के अध्यापक प्रियांश और अध्यापिका दिव्या से बात की, उन्होंने कहा कि सरकार को बजट में कौशल विकास के लिए ध्यान देना चाहिए और साथ ही सरकार जो भी योजनाए बनाती हैं उनका ठीक से पालन हो रहा हैं कि नही उसका भी ध्यान देना चाहिए।

प्रियांश और दिव्या का मानना हैं कि पढ़ाई को सिर्फ किताबों तक न सीमित कर के बच्चों को प्रैक्टिकल नॉलेज देने की भी जरूरत हैं, जिससे बच्चो को नौकरी के समय कोई परेशानी का सामना न करने पड़े।