पिता की मौत पर लिए थे 80 रू. उधार, आज है करोड़ो के मालिक

एक ऐसे आर्टिस्ट जो मानों कोई ब्रश से कैनवास पर रंग भर रहा हो। ये कलाकारी वो पेंट, ब्रश और कलर से नहीं बल्कि सिलाई मशीन से करते हैं। हम बात कर रहे हैं 36 साल के अरुण बजाज जो वर्ल्ड के इकलौते सुईंग मशीन आर्टिस्ट हैं और धागे से तस्वीरें बनाते हैं।

अरुण अब तक 250 से ज्यादा पोर्ट्रेट और तस्वीरें बना चुके हैं उनके नाम गिनीज, इंडिया, लिम्का, यूनीक वर्ल्ड रिकॉर्ड समेत पांच वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं महाराजा रणजीत सिंह के दरबार की तस्वीर 11 लाख में बिकी थी।

एक तस्वीर बनाने में उन्हें तीन साल का वक्त लगा था, जिसके चलते अरुण का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और यूनीक व‌र्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने के साथ गिनीज व‌र्ल्ड रिकॉर्ड बुक में भी शामिल है।

पिता की मौत पर लिए थे 80 रू. उधार, आज है करोड़ो के मालिक

पटियाला के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले 36 साल के अरुण अब एक सेलेब्रिटी आर्टिस्ट हैं। उनकी कला के लिए उन्हें राष्ट्रपति सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अरुण को उनके इस हुनर के लिए सम्मानित कर चुके हैं।

अरुण के पिता दर्जी थे, 12 साल की उम्र में ही वो अपने पापा के साथ उनकी दुकान पर जाने लगे। वहां वो कपड़े प्रेस करना, इंटरलॉकिंग आदि का काम करते थे। साल 2000 में जब अरुण 16 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया।

अरुण ने अपनी पहली पेंटिंग एग्जीबिशन नवंबर 2013 में की थी, इससे पहले उनके आर्टवर्क के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते थे। साल 2014 में सूरजकुंड मेले में उन्होंने अपने बनाए पोर्ट्रेट के जरिए 2 लाख 80 हजार रुपए का बिजनेस किया था।

अरुण कहते हैं कि लोग उन्हें सबसे ज्यादा यही ब्लेसिंग देते हैं कि उनकी आंख पर कभी चश्मा न लगे। क्योंकि वो जो काम करते हैं वो काफी महीन और बारीक काम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई।

मुलाकात की घटना के बारे में वो कहते हैं, ‘एक दिन सुबह अचानक मेरे पास एक फोन आया कि अगले दिन दोपहर 12 बजे संसद भवन में PM मोदी जी आपसे मिलेंगे। अगले दिन जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने मेरे आर्टवर्क की बहुत तारीफ की, ये मेरे जीवन में कभी न भूलने वाला पल है।’

अरुण ने कृष्ण भगवान का मास्टर पीस बनाना शुरू किया। इसे बनाने में उन्हें एक साल का वक्त लगा। लोगों ने इसे खूब पसंद किया और इसका बैकग्राउंड भी बनाने को कहा, ये बैकग्राउंड बनाने में अरुण को दो साल का वक्त लगा। अरुण बताते हैं, ‘उस तस्वीर में 28 लाख 36 हजार मीटर धागे का इस्तेमाल किया गया है। 3 हजार 545 रीलें लगी हैं। ये विश्व की सबसे लंबे धागे की तस्वीर है।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

2 months ago

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…

2 months ago