किसान आंदोलन को लेकर इस बार प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। किसान आंदोलन के मद्देनजर सरकार ने राज्य के 14 जिलों में इंटरनेट सेवाएं शनिवार तक बंद कर दी है। इंटरनेट सेवाएं बंद होने के चलते विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इंटरनेट सेवाएं बंद होने के कारण विद्यार्थी अपनी ऑनलाइन क्लासेज नही ले पा रहे है वही बच्चें अपना ऑनलाइन फॉर्म में नही भर पा रहे है।
दरअसल, किसान आंदोलन के चलते 26 जनवरी को भड़की हिंसा से सरकार ने सतर्कता बरतते हुए इंटरनेट सेवाएं बन्द कर दी। जिले में इंटरनेट सेवाएं भी बाधित रही जिससे जिले के विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि 6 से 8 वीं तक के विद्यार्थियों के लिए सोमवार से स्कूल खुल रहे है, जिसको लेकर विद्यार्थियों को स्कूल में बुलाने के लिए गूगल फार्म भरने का नियम लागू किया है, इंटरनेट सेवाएं बंद होने के कारण विद्यार्थी ये फार्म नही भर पा रहे है। जिले में भी इन दिनों इंटरनेट सेवाएं बाधित रही,जिससे विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
गौरलतब है कि हरियाणा में कक्षा 6 से 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए फरवरी के पहले सप्ताह में स्कूलों को खोले जाने का फैसला लिया गया है. राज्य के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बुधवार को यह जानकारी दी.
शिक्षा मंत्री ने यहां कहा, ‘कोविड के मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं और स्थिति में सुधार हुआ है. इसके अलावा, कोविड-19 टीकाकरण अभियान भी शुरू हो गया है. इसलिए, हमने फरवरी के पहले सप्ताह से कक्षा 6 से 8वीं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं को शुरू करने पर बाद में फैसला लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि स्कूलों को मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के संबंध में सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. कोविड-19 महामारी के कारण छह महीनों तक बंद रहने के बाद हरियाणा में स्कूलों को 9वीं कक्षा से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए सितंबर के मध्य में आशिंक रूप से खोला गया था.
Written by Rozi Sinha