देश को साफ़ रखना यह हम सबकी जिम्मेदारी है, साथ ही हमारा कर्तव्य भी है। शुक्रवार की सुबह जब हम फरीदाबाद के सेक्टर- 12 में सेंट्रल प्लाजा पार्क पहुंचे तो हमने कुछ अलग देखा।
टाउन पार्क के ठीक सामने उपस्तिथ है सेंट्रल प्लाजा पार्क जो अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता था। हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि महामारी से पहले इस पार्क की हालत आपने देखी होगी, मगर ऐसा क्या हुआ की इस पार्क की हालत अचानक से ख़राब हो गयी।
हुड्डा द्वारा बनाया गया यह पार्क काफी समय से चर्चित में था, यहां आकर लोग अपना समय व्यतीत करते थे। जब हम पार्क पंहुचे तो हमने देखा कि पार्क के मुख्य गेट पर न तो कोई मेन गेट था और न ही कोई चीज जिससे यह पता चल सके की इस जगह से पार्क की शुरुआत हो चुकी है।
सिर्फ एक लोहे का हैंडल लगा हुआ है जिसकी हालत काफी ख़राब थी, जमीन पर पत्ते भिखरे हुए थे जैसे मनो बरसो से सफाई नहीं हुई। अंदर जाते ही झाड़ियों का ऐसा झुंड था जिसे देखकर साफ़ पता लग रहा था की यहां सदियों से इन्हे पानी नहीं दिया गया, बिना पानी के पत्तो की हालत झाड़ियों में तब्दील हो चुकी थी।
थोड़ी दूर पर स्विमिंग पूल था जो काफी दूर तक फैला हुआ था, पानी के अंदर हमे टायर, टूटी लकड़ियां, चिप्स के पैकेट, फटे हुए कपडे, पॉलीथिन जैसी वेस्ट चीजे मिली। अगर आपको वहां 5 मिनट के लिए खड़ा कर दिया जाए तो गंदगी और बदबू से आप बेहद तंग आ जायेंगे। उसके बाद आगे एक स्विमिंग पूल काफी लम्बा था जिसके बीच में एक छोटा सा ब्रिज बनाया हुआ था जहां इंटरलॉकिंग टाइल्स हुआ करती थी मगर उसे भी लोगो ने उखाड़ दिया।
जगह जगह आपको टूटी फूटी बोतल, जमी हुई काई, पॉलीथिन, सूखे पत्ते मिल जायेंगे जिससे ये साफ़ जाहिर होता है की इस पार्क की मैंटेनस के लिए कोई भी मौजूद नहीं है। हुड्डा द्वारा बनाया गया यह पार्क जाने कितने करोड़ रुपए में बनाया गया होगा लेकिन आज इसकी हालत इतनी बत्तर हो चुकी है की आपको बताने में भी शर्म आ रही है ।
बिना किसी केयर और मैंटेनस के यहां खड़े रहना भी एक चैलेंज से कम नहीं था । जब हम पार्क के सेंटर में पहुंचे तो वहां हमे एक कूड़े का डब्बा मिला जिसकी हालत इतनी नाजुक थी की बिचारा अपने डब्बे में कूड़ा तक नहीं झेल पाया और ऐसे ही एक कोने में अधमरा पड़ा मिला।
उसी के साथ, कुछ लोगो ने पार्क के अंदर से एक रास्ता बनाया था जहां की ग्रिल तोड़ दी गयी थी ताकि ये लोग आसानी से पार्क के अंदर बाहर आ जा सकें। पार्क की इस बुरी हालत के कारण छोटे बच्चे हो या कॉलेज स्टूडेंट हो इस पार्क में आने से कतराते है क्योंकि इतनी बुरी हालत में जहां कई दिन से कोई सफाई नहीं की गयी वहां जा पाना मुश्किल है। पार्क अब पार्क नहीं रहा यह बंजर बस्ती में तब्दील हो चुका है।
सरकार से हम ये अपील करते है की इस पार्क की मैंटेनस करवाई जाए, सही समय पर पौधों में पानी डवलाना, कूड़ा कचरा साफ़ करवान ये सब चीजे कराई जाए ताकि लोग जहां दुबारा आ सके, बैठ सके और अपना समय व्यतीत कर सकें।
Written by – Aakriti Tarpaniya