फरीदाबाद में सरकारी शौचालयों की हालत बहुत ही ख़राब है। बदबू भी बहुत ज़्यादा आती है। जिले में खंडर होते जा रहे करोड़ों रुपए की लागत से 10 स्मार्ट टॉयलेट को ठीक करने की प्रक्रिया फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड शुरू कर रहा है। कंपनी इन्हें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के जरिए प्राइवेट एजेंसी को देना चाहती है। ताकि इन पर विज्ञापन कर वह कमाई करें और टॉयलेट की मेंटेनेंस का काम भी हो सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह सपना भी है कि कोई भी खुले में शौचालय ना करे। स्मार्ट सिटी फरीदाबाद के दूसरे प्लान के तहत दिल्ली की तर्ज पर किसी प्राइवेट एजेंसी को मेंटेनेंस का काम सौंपने पर भी विचार किया जा रहा है।
जिले में जो शौचालय बनाये गए थे उनमें घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि देश के 100 शहर स्मार्ट बने फरीदाबाद को भी स्मार्ट सिटी में चुना गया है फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने साल 2018 में राजस्थान की एक कंपनी को स्मार्ट टॉयलेट बनाने का ठेका दिया था कंपनी ने 12 एकड़ एरिया में स्मार्ट टॉयलेट बनाने का कार्य शुरू किया था।
जिस तरीके की उम्मीद लगाई जा रही थी वैसा काम इन शौचालयों में देखने को नहीं मिला। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारी जनता के पैसों को बर्बाद ही कर रहे हैं। आपको बता दें, शौचालय सबसे पहले sector-21d की मार्केट में तैयार किया गया। जिसका उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने किया था, लेकिन उद्घाटन के बाद से ही यह बंद पड़े हैं।
इन शौचालयों में ऑटोमेटिक सिस्टम लगाया गया था लेकिन वह भी खराब हो चुका है। स्मार्ट सिटी के तहत कराए गए कामों में संबंधित विभागों की पोल खुलकर सामने आ रही है।
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