Categories: India

लवजिहाद पर योगी सरकार को मिली अदालत से चुनौती के बाद थरथराने लगे खट्टर सरकार के कदम

हरियाणा के अंतर्गत आने वाले फरीदाबाद में 26 अक्टूबर को हुए निकिता हत्याकांड के बाद से ही लव जिहाद का मामला और इस पर सख्त कानून बनाने की कार्यवाही ना सिर्फ हरियाणा बल्कि अन्य राज्यों तक भी जोरों शोरों से उठाई गई है।

हरियाणा के बाद यूपी सरकार ने भी लव जिहाद पर सख्त कानून बनाने की कार्यवाही अमल में लाने हेतु अदालत में हाजिरी लगाई थी परंतु योगी सरकार द्वारा बनाए गए कानून को अदालत में चुनौती मिलने के बाद हरियाणा सरकार के इस कानून को लेकर कदम ठिठक गए हैं और वह सतर्क हो गई है।

लवजिहाद पर योगी सरकार को मिली अदालत से चुनौती के बाद थरथराने लगे खट्टर सरकार के कदम

यही कारण है कि अब लव जिहाद के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाने की प्रक्रिया में हरियाणा सरकार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।हरियाणा सरकार ऐसा कतई नहीं चाहती कि वह कोई ऐसा कानून बनाए,

जो अदालत में टिक न सके। लिहाजा उत्तर प्रदेश के कानून के साथ-साथ उसमें खामियों को लेकर अदालत के रुख का इंतजार किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश द्वारा बनाए गए धर्मातरण विरोधी कानून पर अदालत की टिप्पणियां आने के बाद ही हरियाणा अपने राज्य का अलग कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगा और फिर लव जिहाद पर एक नया कानून हरियाणा सरकार में लागू हो सकेगा।

अधिकांश लव जिहाद के मामले हरियाणा के अंतर्गत आने वाले मेवात जिले में देखने को मिल रहे हैं। वहीं ‍विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय नेतृत्व ने डा. सुरेंद्र जैन के नेतृत्व में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर मेवात क्षेत्र में हो रहे धर्मातरण पर कड़ा ऐतराज जताया था और साथ ही इसे रोकने के लिए ठोस कानून बनाने की मांग रखी थी।

गृह विभाग के सचिव (प्रथम) टीएल सत्याप्रकाश, एडीजीपी (कानून व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क तथा अतिरिक्त एडवोकेट जनरल दीपक मचनंदा की तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। यह फैसला पिछले साल नवंबर माह का है, लेकिन तीन माह बाद भी कमेटी अभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है।

कमेटी ने हालांकि राज्य भर में लव जिहाद के मामलों की जानकारी जुटा ली है और साथ ही उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व हिमाचल के कानूनों का अध्ययन शुरू कर दिया, लेकिन अध्यादेश लाकर बनाए गए उत्तर प्रदेश के कानून को अदालत में चुनौती दे दी गई है।

अब इस मामले में 20 फरवरी के बाद सुनवाई होनी है। लिहाजा हरियाणा की इस तीन सदस्यीय कमेटी की निगाह अदालत के रुख पर लगी हुई है, ताकि अदालत जिन खामियों की तरफ इशारा करे, उन्हें हरियाणा का कानून बनाते समय पहले ही दूर कर लिया जाए।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

2 months ago

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…

2 months ago