कायफोसिस सर्जरी के बाद कोमल जी सकेगी आमजन जैसी जिंदगी, सर्वोदय अस्पताल में हुआ सफल आपरेशन

0
252

सर्वोदय हॉस्पटल एवं रिसर्च सेंटर में ओल्ड फरीदाबाद निवासी कोमल 22 वर्षीय की जिंदगी की एक नई और सकारात्मक शुरुआत जब हुई जब उसकी कमर की कायफोसिस सर्जरी के बाद वो 9 साल बाद सीधी खड़ी हुई।

जिसका श्रेय सेंटर फॉर ऑर्थोपेडिक्स एवं स्पाइन सर्जरी के वरिष्ठ विषेशज्ञ डॉआशीष तोमर को जाता है।

ज्ञात हो कि कोमल को 13 साल की उम्र में पता चला कि उसकी कमर सामान्य नही है। बल्कि कमर के ऊपरी हिस्से में एक क़ुब्ह जैसा निकल रहा है। समय के साथ. साथ वो क़ुब्ह बढ़ने लगा और उसकी कमर टेढ़ी होना शुरू हो गयी थी।

कायफोसिस सर्जरी के बाद कोमल जी सकेगी आमजन जैसी जिंदगी, सर्वोदय अस्पताल में हुआ सफल आपरेशन

यह इसलिए हो रहा था क्यूंकि उनकी कमर की हड्डी का अगला भाग तो स्थिर था परन्तु पिछले हिस्सा अकारण ही बढ़ने लगा । कोमल की मा अनीता शर्मा द्ध के अनुसार वे उसे कई जगह दिखाने के लिए लेकर गयी परन्तु उसकी परेशानी कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही थी ।

इन सब का प्रभाव कोमल में सामाजिक जिंदगी पर भी पड़ रहा था वह अपने आप को सामाजिक उत्सवों और अन्य कार्यक्रमों से दूर करने लगी थी। यहाँ तक कि उसने अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी थी फिर उन्हें किसी डॉक्टर ने डॉक्टर आशीष तोमर से मिलने का सुझाव दिया।

डॉ आशीष तोमर बताते है कि एक सामान्य इंसान का कोब्ब एंगल 50 डिग्री के आसपास होता है और जब कोमल हमारे पास आयी। तो उनका कोब्ब एंगल 92डिग्री था। यदि इसकी सर्जरी ना की जाती तो यह आजीवन बढ़ने वाली बीमारी थी।

कायफोसिस सर्जरी के बाद कोमल जी सकेगी आमजन जैसी जिंदगी, सर्वोदय अस्पताल में हुआ सफल आपरेशन

जिसमे एक समय ऐसा भी आता जब मरीज के किसी अंग को लखवा मार सकता है या फेफड़ों से सास ना ले सकने के कारण उसकी मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए इसको सही करने के लिए कमर की हड्डी का ऑपरेशन करके सही एंगल पर स्थिर करना था ।

दूसरी चुनौती इस केस में यह थी कि ऑपरेशन जिस जगह पर हो रहा था। उस जगह से शरीर के अन्य हिस्सों की कार्यशैली को बनाये रखने की तंत्रिका होकर गुजर रही थी और यदि ऑपरेशन के दौरान उनको कोई नुकसान पहुँच जाता है।

कायफोसिस सर्जरी के बाद कोमल जी सकेगी आमजन जैसी जिंदगी, सर्वोदय अस्पताल में हुआ सफल आपरेशन

तो मरीज के कुछ हिस्से काम करना बंद कर सकते है। इसलिए ऑपरेशन से पहले पुरे परिवार को ऑपरेशन से जुड़े फ़ायदे और जोख़िम बताये गए । परिवार की सहमति मिलने के बाद न्यूरल मोनेटरिंग की मदद से शरीर के बाकी हिस्सों की कार्यशैली को नुकसान ना पहुँचाते हुए इस जटिल सर्जरी को अंजाम दिया गया।

लगभग 5 घंटे चली सर्जरी के बाद मरीज का कोब्ब एंगल 54 डिग्री पर ला दिया गया। जिससे उसकी कमर सामान्य इंसान की भाँति सीधी हो गयी।

सर्वोदय हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ राकेश गुप्ता ने डॉक्टर आशीष तोमर को सफल ऑपरेशन की बधाई देते हुए बताया कि आज हम अपने कुशल डॉक्टरों और आधुनिक मेडिकल तकनीकों की मदद से सभी प्रकार के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है और आगे भी हम मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए अग्रसर रहेंगे ।