हरियाणा राज्य कमेटी के द्वारा कर्मचारी राज्य बीमा निगम के महानिदेशक को एक पत्र लिखा गया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि वह 26 फरवरी को एनआईटी नंबर ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे। अस्पताल के द्वारा वहां के कर्मचारियों और बीमा कृत व्यक्तियों की समस्या का समाधान ना करने के कारण किया जा रहा है।
हरियाणा राज्य कमेटी के जनरल सेक्रेटरी बेचू गिरी ने बताया की महामारी के दौरान जब अस्पताल को कोरोना डेडीकेटेड अस्पताल बनाया गया। तब से लेकर अब तक करीब 10 कर्मचारियों को जिसने नर्सिंग सिस्टर और सफाई कर्मचारी मौजूद है। उनको बिना किसी नोटिस के, बिना किसी कारण के नौकरी से निकाल दिया गया।
इसके अलावा अभी कुछ दिन पहले 2 सफाई कर्मचारी गोपाल और कर्मवीर सिंह को भी काम से निकाल दिया गया है। इन सभी कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस वह बिना किसी कारण बताओ के चलते निकाल दिया गया है।
उन्होंने बताया 14 दिसंबर 2020 को सभी कांट्रेक्चुअल कर्मचारियों को बोनस देने का निर्देश दिया गया था। लेकिन उसके बावजूद भी तक 2 महीने बीत जाने के बाद भी उनको बोनस नहीं दिया है। जनरल सेक्रेटरी बेचू गिरी ने बताया की कांट्रैक्ट लेबर एक्ट की धारा 25 तथा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार ठेके पर लगाए गए सभी कर्मचारियों को सुविधाएं मिलनी चाहिए। जोकि पक्के कर्मचारियों को मिलती है।
लेकिन अस्पताल के द्वारा किसी प्रकार की कोई भी सुविधा इन ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को नहीं मिलती है। इसको लेकर मुख्यालय के दो उच्च अधिकारी डॉक्टर कटारिया और डॉक्टर पी एल चौधरी को भी अवगत कराया गया है। लेकिन उसके बावजूद भी कोई समाधान नहीं निकला है।
वहीं महामारी के दौरान सफाई कर्मचारी नानक और राजवीर सिंह का निधन हो गया था। लेकिन उसके बावजूद भी ठेकेदार की लापरवाही और ध्यान ना देने के कारण उनके परिवार को अभी तक ना तो देह संस्कार के पैसे मिले हैं और ना ही भविष्य निधि से उनका कोई बकाया मिला है। यह मामला भी अस्पताल प्रशासन को अब बताया जा चुका है, लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है ।
48 की बजाय 51 घंटे करवाते हैं काम
बेचू गिरी ने बताया नियम के अनुसार सफाई कर्मचारी 1 हफ्ते में 48 घंटे ही काम करेगा। लेकिन अस्पताल में लगे सफाई कर्मचारी 51 घंटे काम कर रहे हैं। जिसके बावजूद भी उनको एक्स्ट्रा पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। कर्मचारी के द्वारा जो एक्स्ट्रा काम किया जा रहा है उसका पैसा किसके पास जा रहा है यह भी उनको नहीं पता है। इस बारे में भी अधिकारियों को बताया गया है लेकिन उसके बावजूद भी कोई परिणाम निकल कर नहीं आ रहा है।
चक्कर लगाने में मरीज की हो जाती है मौत
हरियाणा राज्य कमेटी के प्रधान बलदेव सिंह ने बताया की अस्पताल में आने वाले मरीजों को कई बार किसी गंभीर बीमारी का इलाज नहीं मिलता है। जिसके चलते उसको निजी अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। लेकिन वह निजी अस्पताल उसको यह कहकर वापस भेज देता है, कि अस्पताल में बेड खाली नहीं है। मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल चक्कर लगाता रहता है ।जिसके चलते उसकी कई बार मृत्यु भी हो चुकी है। लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक कोई ऐसा तंत्र स्थापित नहीं किया गया है जिससे कि निजी हस्पताल में जाने वाले मरीजों को कोई परेशानी ना हो।
इन सभी इन सभी मुद्दों को लेकर हरियाणा राज्य कमेटी के लोग 26 जनवरी 26 फरवरी को सुबह 9:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक एनआईटी तीन नंबर से ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे। जिसके बाद शायद कोई नतीजा अस्पताल प्रशासन की ओर से निकल कर आए और कर्मचारियों को होने वाली समस्या से समाधान मिल सके।