महिला पुलिसकर्मियों ने अपराधों और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में किया जागरूक

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सेक्टर 21 स्थित एनआईटी महिला पुलिस थाना की महिला पुलिसकर्मचारियों ने बालिकाओं व महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में महिलाओं को जागरूक किया।

महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर गीता की टीम में शामिल उप निरीक्षक सुनीता, सहायक उप निरीक्षक मुनेश, सहायक उप निरीक्षक मोनिका, सहायक उपनिरीक्षक ज्योति और सहायक उप निरीक्षक रजनी ने एनआईटी 5 नंबर में पैदल गस्त की और महिलाओं को महिला व बालिकाओं के विरुद्ध अपराध से संबंधित जूविनाइल जस्टिस, एक्ट पोक्सो एक्ट और भारतीय संहिता की धाराओं से अवगत कराते हुए जागरूक किया।

महिला पुलिसकर्मियों ने अपराधों और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में किया जागरूक

पुलिस टीम ने महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा कि महिलाओं के विरुद्ध घटित हो रहे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए उनका महिलाओं के अधिकार संबंधित कानून के बारे में जानकारी रखना अति आवश्यक है।

महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए कानून बनाए गए हैं और यदि कोई भी व्यक्ति महिलाओं पर अत्याचार करता है तो उसके विरुद्ध कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकती है परंतु इसके लिए आवश्यक है कि समय रहते सूचना पुलिस को दी जाए।

महिला पुलिसकर्मियों ने अपराधों और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में किया जागरूक

महिलाओं का समाज में अपना एक अहम रोल होता है इसलिए किसी को अधिकार नहीं है कि वह उन पर किसी भी प्रकार का अत्याचार करें।

छोटी उम्र की किशोरियां अपराधों का ज्यादा शिकार होती हैं इसलिए उनका ध्यान रखना अति आवश्यक है। कानून के तहत बालक बालिकाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों के लिए जूविनाइल जस्टिस और पोक्सो एक्ट का प्रावधान किया गया है जिसमें अपराधियों को ज्यादा कड़ी सजा निहित है।

महिला पुलिसकर्मियों ने अपराधों और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में किया जागरूक

पुलिस द्वारा महिलाओं और बच्चों के हितों की रक्षा के लिए स्पेशल हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। महिला विरुद्ध अपराध के लिए 1091 और बच्चों के विरुद्ध हो रहे अपराधों के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 जारी किया गया है।

उन्होंने बताया कि यदि उन्हें महिला व बच्चों के विरुद्ध किसी भी प्रकार के अपराध की सूचना मिले तो इसकी जानकारी हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके पुलिस को दें ताकि अपराधियों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जा सके और पीड़ितों को इन अपराधों से मुक्त करवाया जा सके।